सपनों वाला देश है ….
गाँधी गौतम औ सुभाष के,
सपनों वाला देश है।
राम कृष्ण की जन्मभूमि का,
हरा भरा परिवेश है।
इस धरती की गौरव गाथा,
गाता है इतिहास।
मस्तक उन्नत तुंग हिमालय,
भरता है उल्लास।
सत्य अहिंसा के संग बांटे,
शांति का संदेश।
गाँधी गौतम औ सुभाष के,
सपनों वाला देश।
इसके चमत्कार की महिमा
सारे जग में गूंजी।
भाईचारा, औ सौहार्द है,
इसकी साझी पूंजी।
इसकी शोभा जग से न्यारी,
गाये गीत विदेश।
गाँधी गौतम औ सुभाष के,
सपनों वाला देश।
पौरुष की पूजा होती है,
श्रम का हो आराधन।
धरती के अंतस में संचित
मूल्यवान संसाधन।
सूरज रोज उठाया करता,
दुलरावें राकेश।
गौतम गाँधी औ सुभाष के,
सपनों वाला देश।
गंगा यमुना जैसी बेटीं,
सागर चरण पखारे।
इसकी आभा के यौवन को,
मौसम नित्य निखारे।
इसकी गोदी में हम बैठे,
मिटते सकल क्लेश।
गौतम गाँधी औ सुभाष के,
सपनों वाला देश।
इसकी मिट्टी चंदन जैसे,
कुंकुंम और अबीर।
इसकी गोदी में बैठे हैं,
तुलसी सूर कबीर।
मीरा रहिमन की जन गण में
अभी विरासत शेष।
गौतम गाँधी औ सुभाष के,
सपनों वाला देश।
©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता