लेखक की कलम से

किलेबंदी…..

एक बार रियासत में कुछ अराजक तत्वों ने राजा को कमज़ोर करने और हटाने के मकसद से उसके खिलाफ विद्रोह का माहौल बना दिया। लोगों को भड़का कर, वे रियासत के ही विभाजन का माहौल बनाने लगे और किले पर चढ़ाई करने की तैयारी शुरू कर दी।

स्थिति को भांपते हुए रियासत की किलेबंदी तो कर दी, पर अपनी प्रजा के बारे में सोचते हुए सेनापति से बोला, “मेरी जनता को तो कुछ नहीं होगा?”

©कामनी गुप्ता, जम्मू 

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