मध्य प्रदेश

धोखाधड़ी मामले में सांई प्रसाद कंपनी के चेयरमैन को 250 वर्ष का सश्रम कारावास

41 निवेशकों के मामले में प्रति निवेशक तीन से पांच साल की अलग-अलग सजा, साढ़े छह लाख रुपए का जुर्माना भी

सुनील शर्मा, सीहोर। पांच साल में धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से अपनी कंपनी में करोड़ों रुपये का निवेश कराने वाले सांई प्रसाद कंपनी के चैयरमेन बाला साहब भापकर को न्यायालय ने 250 वर्ष की सजा सुनाई है। जबकि उनके पांच कर्मचारियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने कंपनी के चेयरमैन बाला साहब भापकर की सजा धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों व धोखाधड़ी की राशि के हिसाब से अलग-अलग निर्धारित की। कुल 41 निवेशकों के मामले में प्रति निवेशक तीन से पांच साल की अलग-अलग सजा हुई कुल सजा का जोड़ न्यायालय ने 250 वर्ष बताया। यानी भापकर को जीवित रहने तक सजा भुगतनी होगी। वर्तमान में भापकर की उम्र 55 वर्ष बताई गई है। उसे सीहोर के कारागार में भेज दिया गया है।

यहां पर यह भी बता दें कि भापकर धोखाधड़ी के ही एक मामले में मुंबई की जेल में बंद था, जहां से सीहोर पुलिस उसे यहां लेकर आई थी। शुक्रवार को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार शाही ने बाला साहब पुत्र केशवराव भापकर निवासी पुणे (महाराष्ट्र) के साथ कंपनी की सीहोर शाखा के कर्मचारी दीप सिंह वर्मा निवासी ग्राम लसूड़िया परिहार, लखनलाल वर्मा निवासी ग्राम खैरी, जितेंद्र कुमार निवासी ग्राम कांकड़खेड़ा और राजेश निवासी सीहोर को दोषी पाया और सजा निर्धारित की। इसमें चेयरमैन भापकर को 250 वर्ष के सश्रम कारावास एवं छह लाख 50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। दोषियों को सीहोर के जिला कारागार में भेज दिया गया।

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