मध्य प्रदेश

गुजराती शराबियों की महफिल से पहले मालवा में बेपर्दा हुई हरियाणवी अंगूर की बेटी

बिना बिल्टी, बगैर कागज के जा रही थी 37 लाख की अंग्रेजी शराब, आरोपी गिरफ्तार

ललित पटेल, मंदसौर। शहर पुलिस ने लंबे समय बाद एक बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल शहर निरीक्षक अमित सोनी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर हरियाणा से गुजरात खपने जा रही अंग्रेजी शराब बरामद की है। गुजरती शराबियों के हाथ में जाने वाली इस हरियाणवी अंगूर की बेटी के साथ मालवा यानी मंदसौर शहर की कोतवाली पुलिस ने हरियाणा के ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

फिलहाल मामले में पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश है, जिनकी एक लंबी फेहरिस्त होने की भी संभावना है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि लंबे समय से इस रूट से गुजरात में अवैध शराब पहुँचने की खबरें थी, जिसमें बमुश्किल कोतवाली पुलिस सफलता प्राप्त कर सकी है। शहर निरीक्षक अमित सोनी के अनुसार मुखबिर की सूचना थी कि एक कंटेनर में अवैध शराब महू-नीमच राजमार्ग होते हुए गुजरात जा रही है। इसी सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस ने 10 नम्बर नाके पर नाकाबंदी कर मुखबिर के बताए अनुसार सम्बंधित कंटेनर को रोका, जिसकी तलाशी लेने पर खुद ख़ाकीदारों ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। क्योंकि कन्टेनर में 10-20 पेटी नहीं बल्कि 430 पेटी अवैध शराब का जखीरा था। इसमें एमडी, रॉयल स्टेज, मैजिक मूमेंट ब्रांड की बोतलें शुमार थी। इनकी अनुमानित कीमत 37 लाख बताई जा रही है। मौके से पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी कंटेनर चालक मोहनलाल विश्नोई निवासी जालौर राजस्थान ने बताया कि वो यह शराब पानीपथ हरियाणा से लेकर चला था और वडोदरा गुजरात में कंटेनर खाली होना था।

आबकारी मंत्री के क्षेत्र में दूसरी बड़ी सफलता

करीब 3 माह के भीतर-भीतर प्रदेश के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के गृह जिले में अवैध शराब को लेकर 2 बड़ी कार्रवाइयां हो चुकी है। एक अभी कुछ माह पूर्व ही पिपलियामंडी पुलिस ने की थी, जिसमें भी अवैध शराब का बड़ा जखीरा हाथ लगा था, तो वहीं दूसरी अब कोतवाली ने की है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि भले ही स्थानीय स्तर पर अवैध शराब करोबार पर पुलिस व आबकारी विभाग की पकड़ ढीली हो सकती है लेकिन मजाल है कि प्रदेश के आबकारी मंत्री के गृह जिले से कोई अन्य शराब माफिया सुरक्षित बचकर निकल जाए।

लेने-देने वालों सहित सरकारी तंत्र भी बन सकता है आरोपी

यदि पूरी ईमानदारी और बिना दबाव के कार्रवाई की जाती है तो कोतवाली की इस सफलता में एक और बड़ी सफलता जुड़ सकती है वो यह कि इस मामले के सभी के सभी आरोपियों को 24 ताणी के पीछे धकेला जाए। जी हाँ इतने बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी वो वो भी हरियाणा, राजस्थान, मप्र, गुजरात सहित 4 राज्यों को लांघकर की जा रही हो यह किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं। मतलब साफ है कि इस तस्करी का गणित बैठाने में स्वयं फेक्ट्री मालिक सहित वेयर हाउस संचालक, गुजराती शराब माफिया, बीच में पडऩे वाले तमाम थाने, चेक पोस्ट तक के जिम्मेदार दोषी पाए जा सकते हैं। और तो सूत्र तो इस मामले में मिनिस्टर लेवल तक की सेटिंग की ओर इशारा कर रहे हैं।

क्यों अन्य थानों के लिए ये है उड़ता तीर

सूत्र बता रहे हैं कि उक्त या इसी तरह के एक कंटेनर को पकड़ाने के लिए कुछ दिनों से मुखबिर तंत्र थानों-थानों पर भटक रहा है, जो अपना मेहनताना करीब 3 लाख बता रहे हैं।किंतु कुछ चतुर सुजान निरीक्षकों की नजऱ में यह उड़ता तीर है। क्योंकि 3 लाख मुखबीर को देना फिर जेब से डेढ़-दो लाख इस मैटर में फसाना और अंतत: कुछ मंत्रियों की आंख किंकिरकीरी बनना। क्योंकि बताया जा रहा है कि इन तरह गुजरात पहुँच रहे कंटेनरों के मामले में स्वयं मंत्री स्तर के लोगों की सेटिंग है। खैर मामले में कितनी सत्यता है यह तो कोतवाली पुलिस की इस मामले की आगामी तफ्तीश से साफ हो ही जाएगा।

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