मध्य प्रदेश

केंद्रीय सडक़ निधि के 2332 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए चार महीने से राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार

सडक़, पुल के लिए दो दशक में स्वीकृत कार्य अब तक पूर्ण नहीं, विभागों के बीच समन्वय की कमी

भोपाल। केंद्रीय सडक़ निधि से मप्र में कराए जा रहे सडक़, पुल आदि निर्माण कार्यों के लिए पिछले लगभग दो दशक में स्वीकृत कार्यों को राज्य सरकार अब तक पूरा नहीं कर पाई है। इनमें से लगभग आधे काम हो चुके हैं, तो वहीं लगभग आधे काम या तो शुरू नहीं हुए हैं, या शुरू होकर निर्माणाधीन हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा 2332.52 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के लिए 30 दिसंबर 2022 को स्वीकृति दिए जाने के बाद चार महीने बीत जाने पर भी अब तक राज्य सरकार संबंधित कार्यों के लिए अपनी स्वीकृति नहीं दे पाई है। इसके चलते जहां निर्माण कार्यों में विलंब हो रहा है, वहीं निर्माण लागत भी बढ सकती है।

मप्र सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग की लेटलतीफी एवं नगर निकाय, राजस्व सहित अन्य विभागों के साथ समन्वय में कमी के चलते हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य खटाई में पड़े हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा मप्र को भरपूर राशि दी जा रही है, लेकिन कहीं भू अर्जन की समस्या तो कहीं ठेकेदारों की गड़बड़ या अफसरों की लापरवाही से काम शुरू नहीं हुए हैं, या शुरू होकर विलंब हेा रहा है। भारत सरकार के स?क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा साल 2000-2001 से लेकर वर्ष 2022-23 तक कुल 409 कार्य, जिनकी लंबाई 8383.47 किमी है स्वीकृत किए गए। इनके लिए राशि 11586.26 करोड़ की स्वीकृति भी दी गई थी। इनमें से दिसंबर 2022 तक 337 कार्य पूरे कर 5791.82 करोड़ का व्यय किया गया। जबकि 46 कार्य जिनकी लंबाई 981.06 किमी और लागत 4307.66 करोड़ रुपये है, प्रगति पर या निर्माणाधीन हैं। इनके अलावा 625.79 किमी लंबाई के 26 कार्य, जिनकी लागत 2332.52 करोड़ रुपये है, की स्वीकृति भी 30 दिसंबर 2022 को प्राप्त हो चुकी है। केंद्र सरकार के सडक़, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की स्वीकृति हो जाने के बावजूद, अभी तक इन कार्यों के लिए राज्य शासन की स्वीकृति नहीं मिली पाई है, जिससे निर्माण कार्य प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।

नाबार्ड से छह हजार दो सौ करोड़ के काम स्वीकृत, काम हुआ 1200 करोड़ का

प्रदेश में सडक़ पुल जिला योजना मद के कार्यों के लिए राशि 4684 करोड़ रुपये की स्वीकृति नाबार्ड से मिली हुई है। इसके अलावा इसी मद में अतिरिक्त कार्य के लिए दिसंबर 2022 तक 1558 करोड़ रुपये की राशि अतिरिक्त प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 6, 242 करोड़ रुपये के काम स्वीकृत हुए हैं, लेकिन इसमें से 1157 करोड़ की राशि ही खर्च की जा सकी है, जबकि लगभग पांच हजार करोड़ से ज्यादा की राशि या तो खर्च नहीं की गई, या काम शुरू ही नहीं हो सके। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दिसंबर 22 तक 22 नग पुल एवं 3 आरओबी का निर्माण पूरा कर लिया गया। इस पर 644 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।

सेतु परियोजना को मिले बजट में से 281 करोड़ के काम शुरू ही नहीं हुए

एनडीबी वित्त पोषित मप्र पुल परियोजना के तहत 250 अमेरिकी डालर की परियोजना तैयार की गई है। जिसके लिए मप्र सरकार ने लोन लिया हुआ है। इसके अंतर्गत मप्र सरकार ने वर्ष 2018 में 1625 करोड़ रुपये के कार्यों को स्वीकृति दी थी। इस परियोजना के अंतर्गत 260 पुलों के निर्माण कार्यों को 49 पैकेज में किया जाना है। जिसके लिए सभी कार्यों को समाहित करते हुए टेंडर जारी किए गए। इनमें से 1333.72 करोड़ रुपये के विकास कार्य प्रगति पर हैं, जबकि 281.28 करोड़ रुपये के काम शुरू ही नहीं किए गए। प्रगतिरत कामों में से भी वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतर्गत दिसंबर 2022 के अंत तक 240 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई। परियोजना में अब तक कुल व्यय 897 करोड़ रुपये हो चुका है। जबकि निर्माणाधीन कामों पर 436.72 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाना बाकी है।

यह बोले जिम्मेदार…

परियोजना अधिकारी भोपाल  वीके सिंह का इस संबंध में कहना है कि तकनीकी कारणों से कामों में कुछ विलंब हुआ है, लेकिन कामों को जल्द पूरा कराने की कोशिश की जा रही है। विलंब हुआ है, लेकिन इससे कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा। कुछ मामलों में राज्य सरकार की स्वीकृति का इंतजार है।

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