लखनऊ/उत्तरप्रदेश

विधानसभा में योगी Vs अखिलेश: सपा प्रमुख ने मंत्री को बताया छापामार, आदित्यनाथ का जवाब-पर उपदेश कुशल बहुतेरे …

लखनऊ। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने  मंगलवार को सरकार को घेरने की कोशिश की तो नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा जवाब देते हुए उन्हें कई सबक दे डाले। बोले-नेता प्रतिपक्ष अव्वल तो जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ सदन में तथ्य रखें और आम जनमानस को गुमराह करने वाली बातें न कहें।

योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के लिए तो इतना ही कहना उचित होगा…पर उपदेश कुशल बहुतेरे…। जब चार बार प्रदेश में सपा की सरकार रही तो उन्होंने क्या किया। क्यूं जापान से एंसेफेलाइटिक का टीका लाने में सौ साल लग गए। हमने प्रदेश से चाहे इंसेफेलाइटिस हो या जापानी इंसेफेलाइटिस इन रोगों को खत्म करने का काम किया है। इससे पहले सपा के सदस्य विरोध करते हुए वेल में उतर आए और बाद में शून्य प्रहर में मुख्मयंत्री के जवाब से संतुष्ट न होकर सदन से वाकआउट कर दिया।

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सुबह 11बजे नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सीतापुर में एक बच्चे के उपचार न मिलने के मुद्दे पर मानवाधिकार आयोग द्वारा नोटिस दिए जाने का हवाला देते हुए प्रदेश में ध्वस्त हो रही स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा उठाया। अखिलेश ने मांगी की कि सभी नियमों को शिथिल करते हुए नियम-311 के तहत स्वास्थ्य के मुद्दे पर चर्चा की जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अखिलेश यादव से पूछ किया कि वह बताएं कि किस नियम को शिथिल किया जाए और नियम-311 की क्या परिभाषा है। इस सवाल पर अटके अखिलेश यादव के समर्थन में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष  माता प्रसाद पाण्डेय ने बचाव करते हुए कहा कि सभी नियमों को शिथिल कर जनहित के मुद्दे पर चर्चा जरूरी है। इसे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना द्वारा स्वीकार न किए जाने पर सपा के सभी सदस्य वेल में उतर आए। सपा सदस्य जोरदार नारेबाजी करते रहे और कहा कि सरकार चर्चा स्वीकार करे।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने जोरदार आपत्ति करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही तभी रोक कर चर्चा हो सकती है जब प्रदेश के सामने कोई विषम परिस्थिति हो। मौजूदा हालात में ऐसी कोई समस्या नहं है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हो रहा है और लगातार जारी है। विपक्ष का मकसद केवल और केवल हंगामा करना और सदन का समय बर्बाद करना है। इस पर सतीश महाना ने व्यवस्था दी कि वह इसे प्रश्न प्रहर के बाद सुनेंगे। प्रश्न काल समाप्त होने पर इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने अपनी बात रखी।

अखिलेश यादव ने सरकार खासतौर पर नेता सदन मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि सीतापुर के एक गरीब व्यक्ति के बच्चे का उपचार नहीं हो पाया। वह लखनऊ आया तो यहां भी उसे इलाज नहीं मिला। बाद में एक दलाल के जरिये वह किसी तरह प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुआ। सरकार ने सपा सरकार में बनाए गए सभी मेडिकल कालेजों कन्नौज, उरई, जालौन, आजमगढ़ और अंबेडकरनगर के मेडिकल कालेजों को बर्बाद कर दिया है। कहीं मशीन नहीं है न तो डाक्टर हैं। न ही पैरामेडिकल स्टाफ है। चिकित्सकों की लापरवाही के चलते बेगुनाह लोगों की जान जा रही है।

अखिलेश यादव ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को भी जमकर घेरा। बोले–स्वास्थ्य मंत्री तो छापामार मंत्री बनते जा रहे हैं। गोण्डा में तो बच्चे को कुत्तों ने नोंच लिया। मैंने ट्वीटर पर एक सीएचसी की फोटो डाली। वहां कीचड़ भरा था और कुत्ते लोट रहे थे। मंत्री जी ने फोन कर पानी तो हटवा दिया लेकिन वहां की लिफ्ट ठीक नहीं हुई। मंत्री के छापे का भी असर नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने तो दो मंत्रियों की नौकरी खत्म कर दी। उनका इशारा संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और सिद्धार्थनाथ सिंह की ओर था। भाजपा की पहली सरकार में दोनों स्वास्थ्य मंत्री थे। अखिलेश ने कहा कि सभी जांचें महंगी कर दी गई है। भाजपा ने कहा था कि कई एम्स बनाएंगे लेकिन अपना घोषणा पत्र भी पटल कर नहीं देखा।

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