लखनऊ/उत्तरप्रदेश

तकनीक से सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण विषय पर सहकारी भारती की कार्यशाला ….

लखनऊ । राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह सभागार सहकारिता भवन में सहकार भारती उत्तर प्रदेश द्वारा “तकनीक से सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव डॉ नवनीत सहगल, विशिष्ट अतिथि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व सेवानिवृत्त आईएएस रजनीश कुमार, सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय व महामंत्री डॉ प्रवीण सिंह जादौन द्वारा श्रद्धेय लक्ष्मण राव इनामदार व भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर हुआ।

इस अवसर पर एमएसएमई, डिजिटलीकरण और ई—कॉमर्स  विषय पर सहकार भारती और पॉलिसीवॉच इंडिया फाउंडेशन द्वारा तैयार किए गए श्वेत पत्र का विमोचन भी हुआ। इस श्वेत पत्र में डिजीटल माध्यमों से सहकारिता एवं लघु उद्योग का सशक्तीकरण ‘उपाय और साधन’ विषय पर आयोजित हुई परिचर्चा का  सारांश शामिल है व  तकनीकी से सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण कैसे हो इस पर विस्तार से चर्चा की गई है।

इस कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि “तकनीक से सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण” एकदम तात्कालिक विषय है और इस विषय पर बात करने का यह सबसे उचित समय है। सहगल ने कहा कि जब सहकारिता महाराष्ट्र व गुजरात में सफल हो सकता है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं। उन्होंने कहा, हालांकि उत्तर प्रदेश में इस बात के लिए काफी कोशिश हुई है लेकिन सहकारिता में पारदर्शिता की कमी के चलते दिक्कते आती हैं। पारदर्शिता की इस कमी को केवल तकनीक को अपना कर ही खत्म किया जा सकता है।

श्री सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी जी ने जबसे बागडोर संभाली है, पारदर्शिता के पैमाने में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यह सब तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने से ही हुआ है। इसका प्रमाण पेंशन भुगतान और जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के मामले में देखा जा सकता है।

प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए सहगल ने कहा कि एमएसएमई के लिए सरकार ने बहुत काम किया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में हमारे 75 जिलों से शुरू में 57 प्रोडक्ट थे अब बढ़कर 65 हो गए हैं। एमएसएमई के विकास में निजी कंपनियों की भागीदारी के लाभ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट ने ओडीओपी के तहत एक  साल में एक हजार करोड़ के उत्पादों की बिक्री की है। झांसी में महिलाओं ने मिलकर एक डेयरी शुरू की जिसका टर्नओवर 100-140 करोड़ से ऊपर है। तकनीक से बेहतर कोई माध्यम नहीं है पारदर्शिता लाने का। सहगल ने सहकारी समितियों के उत्पादों की बिक्री में जीएसटी की समस्या का निदान करने का भरोसा दिया। सहकार भारती के इस आयोजन को अच्छी पहल बताया।

इस अवसर पर  विशिष्ट अतिथि फ्लिपकार्ट के उपाध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा कि फ्लिपकार्ट सदैव सहकारी संस्थाओं, उपभोक्ता भंडार, स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री में सहयोग करता है व समाज के आर्थिक उन्नयन के लिए सदैव प्रयासरत है। इस तरह के कार्यशाला के आयोजनों में फ्लिपकार्ट पूरे देश में सहभागिता करता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सहकारिता के  क्षेत्र में सहकार भारती द्वारा किया जा रहा कार्य अत्यंत सराहनीय है। हम सदैव सहकार भारती के  साथ हैं।

सहकारी भारती के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि उत्तर प्रदेश में सहकारिता के विकास की असीम संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं के दोहन के लिए तकनीक का उपयोग अनिवार्य है। उन्होंने इस आयोजन में पालिसीवाच इंडिया फाउंडेशन के सहयोग के लिए आभार भी जताया।

पॉलिसीवाच इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक अभिषेक कृष्ण दुबे ने कहा कि एमएसएमई और सहकारिता के सही मायनों में विकास के लिए तकनीकी को अपनाना बेहद जरूरी है। दुबे ने कहा कि इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी नितांत आवश्यक है। कोऑपरेटिव और कॉरपोरेट में समन्वय से ही यह संभव होगा।

इस कार्यशाला को सिंपली देसी मल्टी स्टेट कोआपरेटिव की डायरेक्टर मधुबाला साबू, सहकार भारती संगठन प्रमुख डॉ अरुण सिंह ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री डॉ प्रवीण सिंह जादौन ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष हीरेंद्र मिश्रा, प्रदेश संपर्क प्रमुख अशोक शुक्ला, प्रदेश महिला प्रमुख शारदा सिंह, कोषाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह चौहान, प्रदेश मंत्री कृष्ण कुमार ओझा, प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक राय, सोशल मीडिया प्रभारी डॉक्टर अतुल मोहन सिंह, प्रदेश कार्यालय प्रमुख आदर्श श्रीवास्तव, कार्यालय प्रमुख सतीश दीक्षित व पूरे प्रदेश के समस्त पदाधिकारी व हर जिले के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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