लेखक की कलम से
दिसंबर में पूछेंगे…
मुबारक हो तुमको नया साल यारो
मिलाओ नए वक़्त से ताल यारो
कहीं कुछ है बेहतर कहीं कुछ है बदतर
कोई खुश तो है कोई बेहाल यारो
जुड़ी और इक याद एल्बम में मेरी
घटा उम्र से और इक साल यारो
अभी तो है जोशे – जुनूँ तुम पे तारी
अभी तुम मनाओ नया साल यारो
कलैंडर ही बदला कि क़िस्मत भी बदली
दिसंबर में पूछेंगे फिर हाल यारो
©आलोक यादव, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त,दिल्ली ( मध्य)