लेखक की कलम से

प्रमाण की जरूरत क्यों…….

कब तक हम लड़ते रहेंगे देश के गद्दारों से।
दुश्मन फन पर फैला कर रखा सीमा के उस पार से ll

ड्रैगन कि वह मक्कारी छल कपट दिखाता है।
पाक का वह नापाक मंसूबा लगातार छलता जाता है ll

कुछ अपने भी अंदर बैठे खेल रहे हैं गंदा खेल ।
ड्रैगन या फिर उस पाक को भेज रहे हैं गुप्त संदेश ll

किस-किस से लड़े लड़ाई अब समझ में नहीं आता ।
दुश्मन को तो गोला देकर पर अपनों का समझ नहीं आता ll

है इसका इलाज क्या जो दगा कर रहा वतन के साथ ।
ट्विटर या फिर बयानबाजी कर धोखा कर रहा वतन के साथ ll

पराक्रमी है अपनी सेना थल जल और नभ में आज।
दुश्मन के दुस्साहस का डट कर देंगे सीधा जवाब ll

धैर्य साहस अदम्य है इनमें वेध सकते हैं अवेध्य लक्ष्य ।
मनोबल की कमी नहीं तोड़ सकते हैं अवेध्य लक्ष्य ll

बस कहना भारत के बेटों से तुम अडिग रहना अपने राह।
लोभ मोह और छल कपट से बचा कर रखना अपने को आप ll

हां मुझे पता है हर युग में ही कुछ गद्दार निकलते हैं ।
फिर इतिहास उसेके गद्दारी का हिसाब जरूर करते हैं ll

चंद टुकड़ों के खातिर ही जो बेच देते हैं अपना ईमान ।
फिर वह भारत का टुकड़ा करवा कर बनता अपने आप महान ll

गर्व मुझे अपने लालों पर जो लड़ रहा दुश्मन सहित गद्दारों से ।।
विजय पताका फहरेगा भारत का ऐसे ही कर्मठ लालों से ll

घुटने पर बैठा देगा दुश्मन की सारी हेकड़ी को ।
एक बार फिर भारत का परचम लहरा कर दिखाएगा विश्व को ll

हैं कलम सिपाही इसी भारत के जन जागरण का मेरा काम।
भारत के रक्षा के खातिर कलम चलेगा तलवार समानll2

©कमलेश झा, शिवदुर्गा विहार फरीदाबाद

Back to top button