लेखक की कलम से

हम क्या कर रहे हैं …

पिछले 1 महीने में अलग-अलग वीडियो से, बातों से, फेसबुक से, व्हाट्सएप से खुद को बड़ी मुश्किल से पॉजिटिव वाइब्रेशन देने के बाद, खुद की इम्यूनिटी को घर पर रहकर, मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर बढ़ाने के बाद अचानक से कुछ एक विशेष वर्ग के लोगों की वजह से मन में गुस्सा, तनाव, डर पैदा करके खुद की इम्यूनिटी कम करने का कारण क्यों बन रहे हैं। अगर किसी विशेष वर्ग से गलती हो भी गई तो क्या उन्हें और आक्रोशित करके इस गलती को बढ़ाने की तैयारी है या उन्हें सांत्वना देकर के समझाने की कोशिश करें।

सामने आओ, स्वास्थ्य जांच कराओ। इससे तुम्हारा और देश का सबका फायदा है। अच्छे पोस्ट करके उन्हें प्रोत्साहित करें कि वह देश के बारे में सोचकर के आगे आएं। जांच कराएं। नेगेटिव आने पर घर पर रहें। पोजिटिव आने पर खुद को कारंटाइंड करें। इलाज कराएं। खुद की भी जान बचाएं और दूसरों की भी जान बचाएं।

विरोधी पोस्ट सिर्फ मन में तनाव पैदा करते हैं। स्वयं के भी और दूसरों के भी इससे बात बिगड़ेगी सुधरेगी नहीं।

एक चिकित्सक होने के नाते मेरी सलाह है आप लोगों के वर्ग विरोधी पोस्ट परेशानी को बढ़ाएंगे और बात ज्यादा बिगड़ गई तो सिर्फ पुलिस और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों की ही परेशानी बढ़ेगी। अभी चिकित्सक वर्ग, पुलिस वर्ग, सफाई कमर्चारी वर्ग और वह सभी व्यक्ति जो कोरोना से लड़ने के लिए 24 घंटे कार्य कर रहे हैं उनकी मुसीबतें और मत बढ़ाइए। पॉजिटिव पोस्ट करिए। पॉजिटिव रहिए। वर्ग विशेष के लिए पोस्ट करने से बचें। घर पर रहें। स्वस्थ रहें। स्वयं को नेगेटिविटी से दूर रखें। क्योंकि आपके द्वारा किया गया पोस्ट सिर्फ तनाव पैदा करता है।

©डॉ अंशुमन जैन, होम्योपैथिक चिकित्सक व काउंसलर, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

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