लेखक की कलम से
स्वतंत्र स्वपन का स्वागत…
कुछ कटु विचारों की आजादी
छीनी थी जीने की आजादी
उदय नये विचार हुए कोमल भाव लिए
दे दी दुर्गम राह को दुर्लभ आजादी!
©लता प्रासर, पटना, बिहार
कुछ कटु विचारों की आजादी
छीनी थी जीने की आजादी
उदय नये विचार हुए कोमल भाव लिए
दे दी दुर्गम राह को दुर्लभ आजादी!
©लता प्रासर, पटना, बिहार