छत्तीसगढ़

बस्तर से लेकर सरगुजा तक इस्तीफों का सिलसिला कांग्रेस के प्रति मोह भंग का परिचायक

रायपुर

न केवल जनता का, अपितु कांग्रेस कार्यकर्तार्ओं का भी कांग्रेस से पूरी तरह मोहभंग हो गया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के प्रति कांग्रेस कार्यकतार्ओं में भी जबर्दस्त आक्रोश था। बस्तर में महापौर ने अपने सहयोगी पार्षदों के साथ भाजपा में प्रवेश किया, बिलासपुर में नगरपालिका अध्यक्ष कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ आमरण अनशन कर रहे हैं, सरगुजा क्षेत्र में हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस से इस्तीफा देने तैयार बैठे हैं और राजनांदगाँव में भूपेश बघेल को कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच से विरोध का सामना करना पड़ा। यह साफ बताता है कि कांग्रेस के प्रति लोगों का मोह भंग हो गया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने जगदलपुर प्रवास से राजधानी लौटकर हेलीपेड पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेसमुक्त भारत के सपने को कांग्रेस के लोग अपने कृत्यों से पूरा कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता तो अपने लोगों को ही नहीं संभाल पा रहे हैं, अब कांग्रेसी नेता अपने कार्यकतार्ओं को जवाब देने लायक भी नहीं बचे हैं। श्री देव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कार्यकतार्ओं को अब घुटन महसूस होने लगी है। कांग्रेस के पार्टी के पास न तो नीति है, न नियम है और न ही नेता हैं।

सरगुजा संभाग में बड़ी संख्या में लोग भाजपा में आ रहे हैं तो वहीं बस्तर में हजारों की संख्या में लोग कांग्रेस को छोड़कर विकास की मुख्यधारा से ही जुड?े के लिए भाजपा से जुड़े रहे हैं और भाजपा पर अपना विश्वास व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि भाजपा हमेशा विकास की राजनीति करती है। छत्तीसगढ़ में अपने पिछले पाँच वर्षों के शासनकाल में कांग्रेस ने ऐसा एक भी कार्य नहीं किया है जिससे जनता जनार्दन को लाभ मिले। केवल घोषणा-पर-घोषणा ही करने में लगी रही कांग्रेस की पिछली प्रदेश सरकार ने उन घोषणाओं को अपने पूरे कार्यकाल में पूरा नहीं किया।

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