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महाराष्ट्र के लिए 58 एवं ओडिशा के लिए 4 बसों से रवाना हुए 1318 स्टूडेंट्स, खुश होकर बोले… आज आमहि खुप आनंद आहोत

महाराष्ट्र से सांसद सुप्रिया सुले और कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने जताया कोटा का आभार

कोटा/ राजस्थान । एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना के संक्रमण के डर से लॉकडाउन है और सबकुछ बंद है, लोग एक दूसरे से दूर हैं। वहीं स्टूडेंट्स के इंजीनियरिंग और मेडिकल में कॅरियर बनाने के विख्यात कोटा शहर और विशेष रूप से यहां का एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट इन दिनों एक अलग ही सरोकार के चलते पूरे देश में चर्चा में है। राजस्थान सरकार के सहयोग और जिला प्रशासन के प्रयासों तथा एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के साथ से कोटा से पिछले 13 दिनों में 27 हजार स्टूडेंट्स की सकुशल रवानगी हो चुकी है। इसमें पूरे देश के 14 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों के स्टूडेंट्स शामिल हैं। सकुशल रवानगी और घर पहुंचने के बाद जहां स्टूडेंट्स कोटा और एलन को धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं, वहीं इन प्रयासों को विभिन्न राज्यों की सरकारें भी सराह रही है। रोजाना अपने घर पहुंच रहे हजारों स्टूडेंट्स के अभिभावक भी कोटा को दुआएं दे रहे हैं।

स्टूडेंट्स की रवानगी के क्रम में गुरुवार को सुबह 4 बसों में ओडिशा के राउरकेला के लिए 114 स्टूडेंट्स रवाना हुए। वहीं दोपहर में महाराष्ट्र के लिए स्टूडेंट्स रवाना हुए। शहर के झालावाड़ रोड स्थित एलन साकार कैम्पस, जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ कैम्पस और कुन्हाड़ी लैंडमार्क सिटी स्थित एलन संज्ञान कैम्पस से 58 बसों में 1204 स्टूडेंट्स महाराष्ट्र के लिए रवाना हुए। घर के लिए रवाना होने से पूर्व महाराष्ट्र की सांसद सुप्रिया सुले और कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने स्टूडेंट्स से बात की। इस दौरान कई स्टूडेंट्स भावुक हो गए। बसों में बैठने के साथ ही जब स्टूडेंट्स से बात की तो उन्होंने खुशी का इजहार करते हुए मराठी में कहा कि ‘‘आज आमहि खुप आनंद आहोत‘‘ यानी आज हम बहुत खुश हैं। कोटा में अब बिहार, झारखंड, दिल्ली, पूर्वोत्तर और ओडिशा के करीब 15 हजार स्टूडेंट्स बचे हैं। इनमें करीब 12 हजार स्टूडेंट्स बिहार से हैं।

पेरेन्ट्स से भी बढ़कर बच्चों का ख्याल रखने वाले कोटा का महाराष्ट्र की तरफ से बहुत-बहुत आभार : सुप्रिया सुले

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज नेता शरद पंवार की बेटी व बारामती से सांसद सुप्रिया सुले तथा महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने कोटा के लैंडमार्क सिटी स्थित एलन संज्ञान कैम्पस से रवाना हो रहे रवाना होने से पहले एलन स्टूडेंट्स से वीडियो कॉलिंग पर बात की। कोटा में पढ़ रहे स्टूडेंट्स से पढ़ाई, यहां रहने के दौरान व्यवस्थाओं समेत कई सवाल किए। स्टूडेंट्स कहा कि कोटा में हर सुविधा है लेकिन सभी राज्यों के स्टूडेंट्स जा चुके हैं तो हमारा मन नहीं लग पा रहा और घर की याद आ रही है। ऐसे में वापस घर जाना है। इसके बाद स्टूडेंट्स ने खुले मन से कोटा में व्यवस्थाओं की तारीफ की। उन्होंने एलन के द्वारा दी गई सुविधाओं को सराहा।

उन्होंने कहा कि यहां हमें एलन ने कोई दिक्कत नहीं आने दी। इस पर सुप्रिया सुले ने एलन के बिल्डिंग प्रिंसिपल माणक मेहता से भी बात की। सुले ने कोटा का बहुत-बहुत आभार जताया। मेहता ने बताया कि कोटा से रवाना हो रही हर बस को सेनेटाइज किया जा रहा है। यहां स्टूडेंट्स का थर्मल टेम्परेचर टेस्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही मास्क वितरित किए जा रहे हैं। स्टूडेंट्स को अल्पाहार के साथ भोजन भी साथ में दिया जा रहा है। इसके बाद सुले ने कहा कि कोटा ने हमारे स्टूडेंट्स को अभिभावकों से भी बढ़कर प्यार दिया है। उन्हें बहुत अच्छे से रखा है, इसके लिए मैं पूरे महाराष्ट्र के अभिभावकों की तरफ से आपकी आभारी हूं, हम आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं।

कोटा जैसे रखेंगे ख्याल: जयंत पाटिल

इसी तरह जयंत पाटिल ने भी कोटा और एलन की व्यवस्थाओं को सराहा और उन्होंने कहा कि किसी भी स्टूडेंट को रास्ते में कोई तकलीफ नहीं आने दी जाएगी। कोटा ने जो व्यवस्था शुरू की है वो अंत तक जारी रखेंगे। हर स्टूडेंट का कोटा की तरह ख्याल रखेंगे।

हर स्टूडेंट के लिए कोटा तत्पर : नवीन माहेश्वरी

उधर, इस संबंध में एलन के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट हर स्टूडेंट के प्रति जिम्मेदार है। स्टूडेंट्स की समस्या हमारी समस्या है और उसका समाधान देना हमारा कर्तव्य है। हम चाहते हैं कि इस नाजुक समय में हर स्टूडेंट अपने अभिभावकों के पास हो। हम महाराष्ट्र सरकार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने अपने प्यारे बच्चों को घर परिवार से मिलवाने में हमारा सहयोग किया।

आंकड़ों पर एक नजर

  • 13 दिनों में करीब 27 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पहुंचे घर
  • 14 राज्यों एवं 4 केन्द्रशासित प्रदेशों के निवासी हैं स्टूडेंट्स
  • उत्तर प्रदेश : 406 बसों से 12 हजार स्टूडेंट्स
  • उत्तराखंड : 20 बसों से 500 स्टूडेंट्स
  • मध्यप्रदेश : 110 बसों से 2844 स्टूडेंट्स
  • गुजरात : 15 बसों से 400 स्टूडेंट्स
  • दादर नागर हवेली एवं दमन-दीव : 3 बसों से 44 स्टूडेंट्स
  • राजस्थान : 91 बसों 2335 स्टूडेंट्स
  • असम : 18 बसों से 389 स्टूडेंट्स
  • हरियाणा : 29 बसों से 771 स्टूडेंट्स
  • जम्मू-कश्मीर व लद्दाख : 15 बसों से 397 स्टूडेंट्स
  • पंजाब-चंडीगढ़ : 7 बसों से 152 स्टूडेंट्स
  • छत्तीसगढ़ : 82 बसों से 2247 स्टूडेंट्स
  • कर्नाटक : 7 बसों से 162 स्टूडेंट्स
  • पश्चिम बंगाल : 83 बसों से 2368 स्टूडेंट्स
  • ओडिशा (राउरकेला) : 4 बसों से 144 स्टूडेंट्स
  • महाराष्ट्र :  58 बसों से 1204 स्टूडेंट्स

महाराष्ट्र के लिए पांच रूट

  • मुम्बई – मुम्बई, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुगढ़, ठाणे
  • पुणे – कोल्हापुर, पुणे, सांगली, सतारा, शोलापुर
  • नासिक – अहमदनगर, धूले, जलगांव, नासिक, नन्दुरबर
  • औरंगाबाद – औरंगाबाद, बीड़, जलाना, लातूर, नांदेड़, ओसमनाबाद, परभानी, हिंगोली
  • नागपुर – भंडारा, चंदरपुर, नागपुर, वर्धा, गोंदिया, गढ़चिरौली
  • अमरावती – अमरावती, अकोला, बुल्धाना, यवतमाल, वाशिम

हर कदम पर एलन साथ

कोटा से रवाना हो रहे स्टूडेंट्स के साथ हर कदम पर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट है। यहां स्टूडेंट्स को हॉस्टल व पीजी से बस सेंटर तक लाने तथा सामान को बसों में चढ़ाने तक में हर जगह एलन स्टाफ मदद कर रहा है। एलन स्टाफ बच्चों के सामान उठाकर बस में रख रहा है, भरी धूप में उनकी सेवा के लिए खड़ा है।

रखा हर ख्याल, पसंदीदा भोजन

कोटा से रवाना हो रहे स्टूडेंट्स का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। यहां स्टूडेंट्स को इच्छानुरूप अल्पाहार दिया जा रहा है। इसके अलावा पसंदीदा भोजन दिया जा रहा है। राज्य के खानपान का विशेष ध्यान भी रखा जा रहा है। छत्तीसगढ व पश्चिम बंगाल रवाना हुए स्टूडेंट्स को भोजन में मुख्य रुप से दाल-चावल एवं अन्य खाद्य पदार्थ भी दिए गए। रोजा रख रहे मुस्ल्मि स्टूडेंट्स को अलग से फूड पैकेट दिए जा रहे। इन स्टूडेंट्स को विशेष अल्पाहार के पैकेट्स दिए गए। जिनमें अंगूर, केले, खजूर एवं सूखे मेवे आदि शामिल थे। अन्य स्टूडेंट्स को भी भोजन के साथ-साथ अल्पाहार के पैकेट्स दिए गए। हर स्टूडेंट्स को मास्क व सेनेटाइजर दिया गया। अल्पाहार के पैकेट में पानी की बोतल, वैफर्स, कुरकुरे, चॉकलेट, बिस्किट, भुजिया दी गई।

कोटा में अभी भी 15 हजार स्टूडेंट्स

कोटा से अब तक करीब 27 हजार स्टूडेंट्स रवाना हो चुके हैं। यहां से उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, आसाम, गुजरात, राजस्थान, दमन-दीव, दादर-नागर हवेली, जम्मू कश्मीर, लेह-लेद्याख, पंजाब, छत्तीसगढ, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल के लिए स्टूडेंट्स रवाना हो चुके हैं। इसके बाद भी बिहार, झारखंड़, ओडिशा, दिल्ली व पूर्वोत्तर के स्टूडेंट्स कोटा में हैं। इन स्टूडेंट्स की संख्या करीब 15 हजार है। इनमे से करीब 12 हजार स्टूडेंट्स बिहार के है।

हर बस का सेनेटाइजेशन

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोटा से जा रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को हाईजीन वातावरण उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। कोटा से रवाना हो रही बसों को कोटा में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा सेनेटाइज किया जा रहा है। एलन स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी की टीमें हर बस को बाहर और अंदर से पहले सेनेटाइज कर रही है। पूरी सफाई के बाद ही स्टूडेंट्स को सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर बैठाया जाता है। एक बस में अधिकतम 30 स्टूडेंट्स ही बैठाए जा रहे हैं। 

हर स्टूडेंट की थर्मल स्केनिंग

चिकित्सा विभाग, एलन के चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की पूरी टीम द्वारा स्टूडेंट्स की रवाना होने से पूर्व स्केनिंग की गई। स्टूडेंट्स का थर्मल टेम्परेचर मीटर से टेस्ट किया। हर स्टूडेंट को आवश्यक किट बैग में मास्क दिया जा रहा है। मास्क को लगाए रखने को लेकर भी समझाइश की जा रही है।

फाइनली घर जा पा रहे हैं

लॉकडाउन की वजह से घर नहीं जा पा रहे थे। घर पर भी सभी परेशान थे। हालांकि कोटा जिला प्रशासन एवं एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट ने हमारी काफी मदद की। इसी वजह से एक महीने का समय आसानी से कट गया। आज एलन की वजह से घर जाने का मौका मिला है। थैंक्यू एलन।

विरल, मुम्बई

अकेलापन महसूस होता था

लॉकडाउन के बाद से जिंदगी सिर्फ हॉस्टल व किताबों तक सीमित हो गई थी। घर नहीं जा सकते थे। दोस्त भी एक-एक करके घर चले गए। इस वजह से अकेलापन महसूस होता था। लॉकडाउन में एलन स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने काफी हेल्प की और आज एलन की वजह से घर जा पा रहे हैं।     

देवेन्द्र चौधरी, मुम्बई

इंतजार खत्म हुआ

लॉकडाउन की वजह से क्लासेज बंद थी। इंतजार था कि 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद घर जा पाउंगी लेकिन महाराष्ट्र सरकार, कोटा जिला प्रशासन एवं एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के प्रयासों की वजह से इंतजार जल्द खत्म हो गया और आज फाइनली घर जा रही हूं। 

-दिव्यांशी आलोक, पुणे

एलन ने ध्यान रखा 

महाराष्ट्र सरकार, राजस्थान सरकार एवं एलन को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उनके प्रयासों की वजह से कोटा में फंसे बच्चों को घर जाने का मौका मिल रहा है। एलन का मैनेजमेंट काफी अच्छा है। सभी स्टूडेंट्स की थर्मल स्केनिंग की गई। सफर में किसी तरह की समस्या नहीं हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया।

-अलीशा अनिल मेश्राम, नागपुर

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