लेखक की कलम से

दूर रहें अवसाद से – जिंदगी नहीं मिलती दुबारा

कई बार हम डिप्रेशन या अवसाद में होते हैं, मगर इसे समझ नहीं पाते हैं। परिवार में यदि कोई सदस्य अवसाद से ग्रसित हो तो अन्य सदस्य इसे गंभीरता से नहीं लेते। अवसाद कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ये एक मानसिक स्थिति है। किंतु इस की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होना जरूरी है। अवसाद की स्थिति पुरुषों-महिलाओं में देखी जाती है। किंतु आजकल युवा और छोटे बच्चे भी अवसाद या डिप्रेशन में घिर जाते हैं। समय के साथ कई बार समस्या खत्म होने लगती है, लेकिन बहुत बार परेशानी बढ़ती जाती है।

डिप्रेशन क्या है

  • जीवन में कभी-कभार लो फील करना एक सामान्य बात है, लेकिन जब ये एहसास बहुत समय तक बना रहे और आपका साथ ना छोड़े तो ये डिप्रेशन या अवसाद हो सकता है।
  • ऐसे में जीवन बड़ा नीरस और खाली-खाली सा लगने लगता है। न दोस्त अच्छे लगते हैं और न ही किसी और काम में मन लगता है। जीवन में कई पॉज़िटिव बातें भी नेगेटिव लगने लगती हैं।
  • यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। ज़रूरत है डिप्रेशन के लक्षणों और कारणों को समझने की और फिर उसका इलाज करने की।
  • डिप्रेशन थोड़ी जटिल बीमारी है। डिप्रेशन सिर्फ मस्तिष्क में हो रहे केमिकल इम्बैलेंस की वजह से ही नहीं, बल्कि कोई अन्य जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से भी हो सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये आपकी लाइफस्टाइल, आपके रिश्ते, आप समस्याओं को कैसे हैंडल करते हैं, इन बातों की वजह से भी हो सकता है।

निम्नलिखित की वजह से डिप्रेशन होने के चांसेस बढ़ जाते हैं

  • अकेलापन।
  • दोस्तों और परिवार के सपोर्ट की कमी।
  • हाल में हुए तनावपूर्ण अनुभव।
  • वैवाहिक या अन्य रिश्तों में खटास।
  • खराब बचपन।
  • शराब या अन्य नशीली दवाओं का सेवन।
  • बेरोज़गारी।
  • काम का प्रेशर।
  • डिप्रेशन के लक्षण:
  • या तो आपको नींद नहीं आती या बहुत अधिक नींद आती है।
  • आप ध्यान नहीं केंद्रित कर पाते और जो काम आप पहले आसानी से कर लेते थे, उन्हें करने में कठिनाई होती है।
  • आपको लगता है कि आप अकेले हैं और आपकी मदद करने के लिए कोई नहीं है।
  • आप चाहे जितनी कोशिश करें, पर अपनी नेगेटिव सोच पर काबू नहीं रख पाते।
  • या तो आपको भूख नहीं लगती या आप बहुत ज्यादा खाते हैं।
  • आप पहले से कहीं जल्दी परेशान हो जाते हैं और गुस्सा करने लगते हैं।
  • आप ज़्यादा शराब पीते हैं।
  • आपको लगता है कि ज़िंदगी जीने लायक नहीं है और आपके मन में आत्महत्या करने के विचार आते हैं। (ऐसा है तो तुरंत इलाज कराएं)

डिप्रेशन से आत्महत्या की ओर

बहुत ज्यादा डिप्रेशन की वज़ह से व्यक्ति आत्महत्या करने तक की सोच सकता है। डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति खुद को बिल्कुल असहाय महसूस कर सकता है और उसे सभी समस्याओं का हल अपनी ज़िंदगी खत्म करने में नज़र आने लगती है।

यदि कोई आपसे आत्महत्या करने जैसी बातें करता है तो संभवतः वो डिप्रेशन से ग्रसित है और वो सिर्फ आपको अपनी बात ही नहीं बता रहा है, बल्कि वो मदद के लिए भी कह रहा है। आपको उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए और यदि आप खुद को ऐसा करते देख रहे हैं तो बिना देरी किए आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

यदि आप किसी में इन बातों को देखते हैं तो वो आत्महत्या के लिए चेतावनी हो सकती है

  • अपने को मारने या ख़त्म करने के बारे में बात करना।
  • अचानक ही लोगों को गुडबाय करने के लिए मिलना या फोन करना।
  • बिना वजह अपनी संपत्ति या दूसरी चीजों को दूसरों को देना।
  • ऐसी भावनाएं व्यक्त करना जिससे व्यक्ति बहुत ही असहाय और उलझा हुआ प्रतीत हो।
  • हमेशा मरने संबंधी बातें करना।
  • असामान्य व्यवहार करना।
  • असामान्य बातें करना।
  • अचानक ही एकदम डिप्रेस्ड होना और फिर ख़ुशी जाहिर करने लगना।

यहां कुछ ऐसे प्रश्न दिए जा रहे हैं जिनके आधार पर आप जान सकते हैं कि आप या अन्य कोई डिप्रेस्ड हैं या नहीं। ध्यान रखें जवाब देते वक्त पिछले दो हफ्ते में मूड या व्यवहार कैसा था, इसे ध्यान में रखिए।

  • पिछले दो सप्ताह के अनुभव के आधार पर इन सवालों के जवाब ‘नहीं’, ‘हां’और ‘शायद’ के रूप में दीजिए।
  • बिना किसी कारण के रोने का मन करता है या चिड़चिड़ा महसूस करते हैं ?
  • मुड खराब होने के कारण ऑफिस या काम पर जाने का मन नहीं करता ?
  • फिल्म, म्यूज़िक, फ्रेंड्स या हॉबी के प्रति रुझान कम होना ?
  • पूरा दिन बेचैनी महसूस करना और रात को नींद न आना ?
  • लाइफस्टाइल में कोई बदलाव नहीं आना, लेकिन वज़न बढ़ने लगना ?
  • ऑफिस या घर में पहले की तुलना में ज़्यादा असुरक्षित महसूस करना ?
  • लगने लगे कि ज़िंदगी में विफल हो चुके हैं या किसी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं ?
  • पहले सारा काम समय पर पूरा हो जाता था, लेकिन पिछले 1 महीने में आप काम पूरा नहीं कर पाए हैं ?
  • दोस्तों से मिलना, ब्याह-शादी पर इसलिए न जाना, क्योंकि आपका किसी से मिलने का मन नहीं हो रहा है।
  • आशाहीन हो चुके हैं और कई बार आत्महत्या करने का मन करता है ?

उपरोक्त सवालों में से सात या इससे ज़्यादा प्रश्नों का जवाब यदि हां है तो-

आपके क्लिनिकली डिप्रेस्ड होने की आशंका हो सकती है। समय बर्बाद किए बिना प्रोफेशनल डॉक्टर को दिखाएं। जैसे-जैसे समय बीतेगा, समस्या गंभीर होती जाएगी।

सात से कम प्रश्नों का जवाब हां है, तो-

आप क्लिनिकली डिप्रेस्ड नहीं हैं। किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की ज़रूरत नहीं है। महीने में एक बार इस टेस्ट को दोहराएं। इससे मानसिक स्थिति का पता चेलगा।

इस तरह डिप्रेशन से निजात पाएं

  • रिश्तों में सुधार ला कर।
  • रोज़ व्यायाम करके।
  • भरपूर भोजन करके।
  • खुद को एंटरटेन करके।
  • नकारात्मक सोच बदल कर।
  • खुद से स्ट्रेस को दूर रखकर।
  • ज़रूरत से ज़्यादा इमोशनल होने से बचें।
  • डिप्रेशन शब्द का प्रयोग कम से कम करें।
  • छोटी-मोटी परेशानियों को भुला दें।
  • कुछ अच्छा पढ़ें, जो आपके अंदर पॉज़िटिव फीलिंग लाए।
  • नकारात्मक सोच रखने वालों से दूरी बना कर रखें।
  • इस बात को समझें कि ज़िंदगी में जब तक फेल नहीं होंगे, तब तक कुछ सीखेंगे नहीं। इसलिए असफलता को लाइफ का अंत न समझें।

आपको डिप्रेशन से छुटकारा दिला सकती हैं ये 10 बातें

कभी-कभी लाइफ में ऐसा समय आता है, जब कुछ अच्छा नहीं लगता। जॉब है। शादी हो गई है। बच्चे भी हैं। घर भी है। बैंक बैलेंस भी है। मगर खुशी नहीं है। या फिर शादी नहीं भी हुई लेकिन लाइफ ठीक-ठाक चल रही है, फिर भी कुछ अजीब सी बैचेनी है, जो परेशान कर रही है। खुशी क्यों नहीं है, इसका भी कोई कारण समझ नहीं आता। मालूम है, तो बस इतना कि कुछ अच्छा नहीं लग रहा। लगता है जैसे करने को कुछ नहीं बचा। ऐसे में क्या करें…क्या न करें…। आपकी भी यही उलझन है, तो पढ़ें ये 10 बातें जो आपको डिप्रेशन से छुटकारा दिला सकती हैं, देखें कैसे बन जाएगी आपके लिए हर बात एक्साइटिंग-

डिप्रेशन का इलाज

डायरी और पेन लें और एक लिस्ट बनाएं। इस लिस्ट में उन सारी चीजों के बारे में लिखें, जो आपको बेहद पसंद हैं। इसमें उन लोगों के नाम भी हो सकते हैं, जिन्हें आप प्यार करते हैं। वो काम जो करना आपको हमेशा अच्छा लगता है। वो चीजें जो आपको खराब मूड में भी खुशी देती हैं। इस लिस्ट की कोई सीमा नहीं है। खुद को रोकने की कोशिश न करें, जो भी, जितना भी दिमाग में आए बस लिखते जाएं। आखिर में आपको खुद महूसस होगा कि खुश होने के लिए आपके पास कितनी सारी बातें हैं,

तो फिर उदासी कैसी… जिंदगी अभी बाकी है मेरे दोस्त

ऐसे मूड में अक्सर मन करता है कि बस घर पर बैठे रहें। कुछ न करें। लेकिन आपको करना होगा इसका एकदम उल्टा। यानी जब भी मन कहे कि बिलकुल एनर्जी नहीं है और सिर्फ घर पर बैठकर टीवी देखना है, तो खुद को तैयार करें बाहर जाने के लिए। कुछ भी प्लान करें- शॉपिंग, मूवी, हैंगआउट, लेकिन अपने डिप्रेस्ड मन की बात को न सुनकर उसका उल्टा करें। इससे आपको मालूम होगा कि लाइफ में कितना कुछ एक्साइटिंग करने को बाकी है।

नाचें-गाएं, धूम मचाएं

जब लगता है कि मजा नहीं आ रहा। कुछ अच्छा नहीं लग रहा, तो अब हर खुशी को किसी दूसरे के जरिये ढूंढने की कोशिश करते हैं। मगर इसका असली उपाय आपके पास है। इसमें मदद करेगी आपकी फिजिकल एक्टिविटी। अपने फेवरेट सॉन्ग पर डांस करें। सुबह-सुबह सैर करने जाएं। योगा करें। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। आप देखेंगी कि दिमाग और दिल के दरवाजे खुलेंगे और इसमें राहत और सुकून की जो ताजा हवा आएगी, वो आपको जिंदगी के उस लुत्फ तक ले जाएगी, जिसे आप मिस कर रही हैं और आपको डिप्रेशन से छुटकारा मिल जाएगा।

आप अच्छा महसूस नहीं कर रहीं। आपको कुछ नहीं सूझ रहा। आप बस अकेले रहकर सोचना चाहती हैं। उपाय तलाशना चाहती हैं। और उपाय है कुछ ऐसा करना जो पहले कभी नहीं किया। इससे ज्यादा एक्साइटिंग और क्या हो सकता है कि आप कुछ नया अनुभव करें। फिर चाहे वो पहली बार डिस्को जाना हो, फोटो सफारी, क्रिकेट मैच देखना हो या फिर कोई ऐसी ड्रेस पहनना जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं था। यकीन मानिए..फर्क पड़ेगा।

डिप्रेशन का इलाज -क्रिएटिविटी का तड़का

आप परेशान हैं और कुछ क्रिएटिव करना तो दूर, कुछ नॉर्मल करना भी आपको मुश्किल लग रहा है। मगर क्रिएटिविटी की तरफ कदम बढ़ाकर देखिए…सारी एनर्जी वापस आ जाएगी। कुछ लिखें, क्राफ्टिंग करें, पुरानी रेसिपी को नई प्रेजेंटेशन के साथ परोसें, घर के परदों में कुछ नया करें…अपनी क्रिएटिविटी को किसी भी तरह परखने की कोशिश करें, जब रिजल्ट सामने आएगा, तो आपकी खुशी भी वापस आ जाएगी।

डिप्रेशन का इलाज सपनों की दुनिया

सपने पूरे हों या न हों, लाइफ को एक्साइटिंग बनाने का सबसे बेहतरीन तरीका हैं। आप सपने देखते हैं, सपनों को सच करने की कोशिश करते हैं। इस समय जब आपको लगता है कि कुछ नहीं बचा है, अपने सपनों को याद करें। वो सपने जो कभी आपको सोने नहीं देते थे। उन सपनों को फिर से जगाएं। उनके बारे में बात करें। सोचें किन सपनों को सच किया जा सकता है और लग जाएं मिशन पर और डिप्रेशन से छुटकारा पाएं !

डिप्रेशन का इलाज, प्रकृति की गोद में

प्रकृति के पास हमारी हर समस्या का समाधान है। अगर कुछ नहीं सूझ रहा, तो प्रकृति के पास जाएं। किसी नदी, झील, समुंदर के किनारे रेत पर नंगे पैर चलें, नदी किनारे जाकर कुछ वक्त बिताएं, किसी उद्यान में जाएं, घास पर नंगे पैर चलें।

डिप्रेशन का इलाज कभी ना नहीं कहें

जब कुछ अच्छा नहीं लगता, तो अक्सर आप कहने लगते हैं…मुझे किसी चीज में मजा नहीं आ रहा, मैं कभी खुश नहीं हो सकती, सब कुछ बुरा है, कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा, कोई मुझे प्यार नहीं करता..। अब जरा अपने शब्दों पर ध्यान दें….कभी नहीं, कोई नहीं, कुछ नहीं…इन शब्दों को अपनी डिक्शनरी से हटाकर देखें।

डिप्रेशन का इलाज – परिस्थितियों को खुशी से स्वीकार करें

जो है, सो है। अगर उसे बदला नहीं जा सकता, तो खुद को उसके अनुसार ढाला जरूर जा सकता है। हमेशा अपने हालातों के बारे में सोचने और उसके लिए खुद को कोसने से अच्छा है, सिच्युएशन को एक्सेप्ट करें, डिप्रेशन से छुटकारा पाएं और खुद को खुश रखें।

डिप्रेशन का इलाज – चेकअप कराएं

अगर इन नौ में से कोई भी उपाय असर न करे, तो ये समस्या आपके लिए गंभीर हो सकती है। किसी चीज में दिलचस्पी न आए, कुछ करने का मन न करे, हमेशा लो एनर्जी महसूस करना…ये लक्षण डिप्रेशन के हो सकते हैं। इसका चेकअप कराकर मेडिकेशन लें और मेडिटेशन करें। इसमें कोई बुराई नहीं है, इसलिए इससे बचने की कोशिश में हालात को और खराब न होने दें।

©डॉ. निरुपमा वर्मा, एटा उ.प्र.

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