Uncategorized

सीनियर IPS राजाबाबू ने भी की थी कारसेवा, जब वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र थे ….

भोपाल (संदीप पौराणिक) । अयोध्या में जब कारसेवा का कार्यक्रम चला तब किन-किन लोगों ने सेवा की यह तो पता नहीं है लेकिन जिसने भी कारसेवा की है वे संतुष्ट हैं, खुश हैं कि 28 साल बाद भव्य मंदिर बनने की आधारशिला रखी गई है। ऐसे ही एक कारसेवक सीनियर आईपीएस राजाबाबू सिंह हैं। उनका कहना है कि हर भारतवासी के लिए यह गर्व की बात है कि भगवान राम का मंदिर अयोध्या में भव्य रूप से बनाया जाएगा।

राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधार शिला रखी जा रही है। मंदिर निर्माण के पूरे हो रहे अभियान में अनेक लोगों का योगदान रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) राजा बाबू सिंह भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने छात्र जीवन में वर्ष 1992 में अयोध्या में कारसेवक की भूमिका निभाई थी।

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के निवासी राजाबाबू सिंह वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में सामुदायिक पुलिस के एडीजी हैं। वे उन दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र हुआ करते थे और हजारों कारसेवक अयोध्या गए थे। उनके कई साथी छात्र भी वहां गए तो सिंह भी उनके साथ अयोध्या जा पहुंचे।

सिंह वर्ष 1992 के दौर केा याद करते हुए कहते हैं, “श्रीराम जन्मभूमि को देखने और रामलला के दर्शनों की अभिलाषा हमेशा से मन में थी। अयोध्या जाने का मौका मिला नहीं था। कारसेवा के समय अपने साथियों के साथ अयोध्या को चल दिए क्योंकि रामजन्म भूमि और रामलला के दर्शनों की मन उठ रही हिलोरे वहां जाने के लिए मजबूर कर रही थीं। ईश्वर के प्रति अगाध आस्था हमेशा रही और उस अवसर ने प्रेरित करने का काम किया।”

उन्होंने बताया कि मत्था टेककर रामलला के दर्शन भी किये और उनसे प्रार्थना भी की कि आपकी कृपा से आपका यहां भव्य मंदिर बने। अब वह सपना पूरा हो रहा है जब 28 साल बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया।

एडीजी सिंह का कहना है समूचे देशवाशियों चाहें वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, सभी के लिए गर्व का विषय है। भारतीय संस्कृति के लिये क्लाइमेक्स का समय है, जब प्रधानमंत्री आधारशिला रखा।

सिंह भले ही अब प्रदेश के पुलिस महकमे के बड़े औहदे पर हो मगर आनन्दित हैं और रोमांचित भी। उनका कहना है कि आखिर ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि उनका ही नहीं हर देशवासी का सपना जो साकार हो रहा।

Back to top button