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सोशल डिस्टेंसिंग का देसी तरीका, बिहार में ज़रूरतमंदों को मास्क बांट रहें हैं सर्वेश तिवारी

पहाड़पुर, बिहार {संदीप सोनवलकर} । राज्य में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को दो और नए कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। कोरोना संकट को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है। संक्रमण से बचने के लिए लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इसे देखते हुए बिहार के पहाड़पुर के समाजसेवी सर्वेश तिवारी ने जरूरतमंदों के बीच मास्क बांटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का नायाब देसी तरीका निकाला है।

जरूरतमंदों को मास्क देने के लिए हाथ में ग्लब्स और एक लंबी लकड़ी से बनाए स्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि वे लोगों को मास्क देने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग कर उन्हें इस संक्रमण से बचा सकें। मुसहर टोली से मास्क वितरण अभियान की शुरुआत करने वाले सर्वेश तिवारी का लक्ष्य 20,000 जरूरतमंदों तक सुरक्षित तरीके से मास्क पहुंचाना है।

बांटा जा रहा अलग-अलग रंगों का मास्क

सर्वेश तिवारी की इस पहल में एक और बात विशेष है कि इसमें अलग-अलग रंगों का मास्क बांटा जा रहा है जो देश में अनूठा व प्रथम प्रयोग है। परिवार में मास्क की अदला-बदली न हो इसलिए महिलाओं के लिए लाल व गुलाबी, पुरुषों के लिए नीला व काला और बच्चों के बीच सफ़ेद मास्क बांटा जा रहा है।

अभियान से लाभान्वित मुसहर टोली निवासी रूदल मांझी ने कहा कि “ मास्क खरीदने के लिए न तो इस वक़्त हम बाजार ही जा सकते हैं और न ही पैसे के अभाव में बढ़िया क्वालिटी का मास्क खरीद सकते हैं। ऐसे में मेरे परिवार समेत सैकड़ों परिवारों को सर्वेश तिवारी जी के इस मुहिम का बहुत लाभ मिल रहा है।“

स्थानीय युवाओं का भी मिल रहा साथ

कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए उन्हें अपने अनूठे प्रयोग को लोगों तक पहुंचाने में स्थानीय युवाओं का भी भरपूर साथ मिल रहा है। सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों का पालन करते हुए वे और उनके युवा साथी लोगों तक मास्क पहुंचाने के अलावा लोगों को संक्रमण के लक्षण और इससे बचाव के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं।

अभियान को लेकर समाजसेवी कहते हैं कि “ जब भी इस तरह का कोई संक्रमण फैलता है तो सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका समाज के हासिए पर रहने वाले लोगों में होती है। इसका कारण एक तो जानकारी का अभाव और दूसरा संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी संसाधनों की कमी। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता देते हुए क्षेत्र में सुरक्षित तरीके से मास्क वितरण का निर्णय लिया। सोशल डिस्टेंसिंग के समय में अतिआवश्यक कार्यों को करने के लिए स्टिक वाला यह नायाब देसी तरीका बहुत सरल है और इसे आसानी से लोग अपना रहे हैं।“

पंचायत में बाहर से आए लोगों का करवा रहे हैं चेक-अप : यही नहीं, देशबंदी के कारण दूसरे राज्यों से वापस गांव लौट रहे लोगों का विशेषज्ञ चिकित्सकों से मुफ्त जांच भी करवा रहे हैं, ताकि अगर वो संक्रमित हों तो उनका उपचार हो पाए और पंचायत के दूसरे लोगों तक बीमारी न पहुंचे। इसके अलावा लगातार जन-जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं।

समाज में बदलाव लाने की कोशिश

निर्भया के माता-पिता द्वारा संचालित “निर्भया ज्योति ट्रस्ट” के महासचिव के तौर पर निर्भया को न्याय दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले सर्वेश तिवारी बेहतर समाज निर्माण के लिए प्रतिबद्ध अपनी संस्था राइज ऑलवेज वेलफेयर सोसायटी के जरिए समाजसेवा का काम कर रहे हैं। उन्होंने 2016 में उरी अटैक में शहीद हुए जवानों के परिवार व 75 दिव्यांग बच्चों को भी गोद लिया है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के लिए समय-समय पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम, पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए अपने इलाके में सैकड़ों चापाकल लगवाना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए वार्षिक मुफ्त तीर्थयात्रा जैसे सामाजिक कार्यक्रम चलाने वाले सर्वेश तिवारी राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत पंचायत इनरवभार के पूर्व मुखिया आनंद तिवारी व वर्तमान मुखिया उषा तिवारी के पुत्र हैं।

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