मध्य प्रदेश

रविदास ने ऐसे राज की परिकल्पना की थी, जहां सभी को भरपेट भोजन मिले : सीएम शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री शिवराज ने सिंगरौली जिले के बैढऩ में समरसता यात्रा को ध्वज दिखाकर किया रवाना

भोपाल। संत शिरोमणि रविदास ने ऐसे राज की परिकल्पना की थी जहां हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिले और सभी का कल्याण हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ऐसी ही शासन व्यवस्था स्थापित की है, जिसमें हर व्यक्ति के लिए भरपेट भोजन, रहने के लिए मूलभूत सुविधाओं से युक्त पक्का आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था की गई है। हर व्यक्ति का कल्याण किया जा रहा है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास उनका मूल मंत्र है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सिंगरौली जिले के बैढन से संत रविदास समरसता यात्रा का शुभारंभ करते हुए कही।

मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में संत रविदास का पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं संत भैयालाल भगत, रमाशंकर दास, कन्हैया लाल और सेवादार रमाकांत दास, रामसजीवन दास और प्रेमदास का अंग वस्त्र, शॉल तथा श्रीफल से सम्मान किया तथा संत समाज ने मुख्यमंत्री चौहान को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की। मुख्यमंत्री ने जल कलश और मृदा पात्र का भी पूजन किया।

संत रविदास ने भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की रक्षा की

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संत रविदास भारतीय संत परंपरा के शिरोमणि थे जिन्होंने सामाजिक सद्भाव, समरसता और समानता का मंत्र दिया। उन्होंने जात-पात, छुआछूत और कुप्रथाओं का कड़ा विरोध किया। वे परोपकारी, दयालु और मृदुभाषी थे। वे चर्म शिल्पी थे और जो कमाते थे दीन-दुखियों में बांट देते थे, इस कारण पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था, परंतु उनका जन्म भक्ति और परोपकार के लिए था। वे समरसता के अग्रदूत थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की रक्षा की।

संत रविदास का मंदिर समाज को समरसता का संदेश देगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने संत रविदास जयंती पर 8 फरवरी को सागर में घोषणा की थी कि वहां 102 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास का भव्य मंदिर और स्मारक बनाया जाएगा, जो समाज को शांति, सद्भाव और समरसता का संदेश देगा। समाज में संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में समरसता यात्राएं निकाली जा रही हैं, जो 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी। संत रविदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित रथ प्रदेश के 45 जिलों और 53 हजार गांवों से होकर निकलेंगे, जिनमें हर गांव की मिट्टी और 315 नदियों का जल शिलान्यास स्थल पर ले जाया जाएगा। रथ में स्वामी रविदास की पादुका, चित्र और कलश होंगे, जिनका जगह-जगह पूजन किया जाएगा।

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