राजस्थान

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा हुए कोरोना पॉजिटिव

जयपुर

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कोरोना वायरस से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य समस्या के चलते आज परीक्षण करवाने पर मेरी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मैं सेल्फ आइसोलेशन में हूं और चिकित्सकों के परामर्श का पूरी तरह से पालन कर रहा हूं और आगामी सभी कार्यक्रमों में वर्चुअल माध्यम से शामिल रहूंगा.

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने भजनलाल शर्मा के जल्द स्वास्थ्य की कामना की. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कोविड पॉजिटिव होने की सूचना मिली, मैं उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं.

सीएम अब सेल्फ आइसोलेशन में है। मुख्यमंत्री भजनलाल आगामी सभी कार्यक्रमों में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित होंगे। लिखा- आगामी सभी कार्यक्रमों में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित रहूंगा। कोरोना संक्रमित होने के चलते सीएम बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से अपने कार्यालय से वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

पूर्व सीएम गहलोत ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी के साथ राजनीति के पक्ष-विपक्ष के नेताओं के साथ उनके समर्थकों ने जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कोविड पॉजिटिव होने की सूचना मिली। मैं उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।

हालही में बीकानेर के सैलून में दिखे थे भजनलाल

हालही में सीएम भजनलाल उस वक्त चर्चा में आए थे, जब वह बीकानेर में एक साधारण से सैलून में बाल सेट करवाने पहुंचे थे। इसका वीडियो भी सामने आया था। दरअसल सीएम भजनलाल पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी से मिलने हेयर सैलून पहुंचे थे। वीडियो में वह सैलून में बैठे दिखाई दे रहे थे और सैलून का कर्मचारी उनके बालों को सेट कर रहा था।

जयपुर में दी थी स्पीच

सीएम भजनलाल ने जयपुर में कहा था कि राज्य सरकार प्रत्येक विद्यार्थी को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। शर्मा सोमवार को स्कूल, उच्च, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निजी क्षेत्र के विद्यालयों के समान राजकीय विद्यालयों में भी आवश्यक शैक्षणिक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराने की योजना बनाने के निर्देश दिए थे, जिससे जरूरतमंद परिवार के विद्यार्थी को भी हाई क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराई जा सके।

 

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