राजस्थान

खाटूश्यामजी के ऑनलाइन दर्शन, नए साल पर गोविंद देवजी-मोती डूंगरी पहुंचेंगे 1 लाख भक्त; जानिए- 14 प्रसिद्ध मंदिरों का कैसा है शेड्यूल …

जयपुर । पहली बार नए साल पर भक्त मंदिर परिसर से खाटूश्याम मंदिर के दर्शन नहीं कर सकेंगे, लेकिन ऑनलाइन दर्शन के इंतजाम किए गए हैं। वहीं, ब्रह्मा मंदिर पुष्कर के पट दोपहर के समय डेढ घंटे के लिए बंद रहेंगे। इसके अलावा ज्यादातर मंदिरों में दर्शन का समय बढ़ाया गया है ताकि मंगला आरती से लेकर शयन आरती तक श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन कर सकें।

बहुत सारे लोग नए साल की शुरुआत भगवान के दर्शन के साथ करना चाहते हैं। ऐसे में प्रदेशभर के सभी बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि सभी को अच्छे से दर्शन हो सकें।

ज्यादातर मंदिरों में दर्शन का टाइम बढ़ाया गया है। कई प्रसिद्ध मंदिरों में प्रसादी वितरण और विशेष आयोजन भी होंगे, जिनमें लोग उत्साह के साथ हिस्सा ले सकेंगे।

आप भी नए साल पर मंदिरों में दर्शन कर अपने साल की शुरुआत भक्तिमय माहौल में कर सकते हैं। ऐसे में हम आपके सेलिब्रेशन को खास बनाने के लिए मंदिरों में दर्शन के समय से लेकर वहां हुए बदलावों की जानकारी की आपसे शेयर कर रहे हैं।

  1. गोविंददेवजी मंदिर, जयपुर

गोविंददेव मंदिर प्रबंधन ने दर्शनार्थियों के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई है, ताकि दर्शन को लेकर किसी को परेशानी न हो। यहां से मंदिर की आरती LIVE देखी जा सकेगी। इसके अलावा कतारों में दर्शन की व्यवस्था दिनभर रहेगी।

जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी के मंदिर में आम दिन में भी हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या तीन गुना तक बढ़ जाती है।

जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी के मंदिर में आम दिन में भी हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या तीन गुना तक बढ़ जाती है।

दर्शनों का समय : मंगला झांकी सुबह 4.30 से 5.30 तक, धूप झांकी सुबह 8.15 से सुबह 9.15 बजे तक, श्रृंगार झांकी सुबह 9.30 से 10.15 बजे तक, राजभोग झांकी सुबह 10.45 से 11.45 बजे तक, ग्वाल झांकी शाम 4.45 से शाम 5.15 बजे तक, संध्या झांकी शाम 5.45 से 7.15 बजे तक और शयन झांकी रात्रि 8 बजे से 8.15 बजे तक।

कितने श्रद्धालु आने की संभावना : मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इस बार एक लाख से ज्यादा लोग मंदिर दर्शन के लिए पहुंचेंगे। खाटूश्यामजी मंदिर बंद रहने की वजह से यह संख्या और बढ़ सकती है।

  1. मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर

गणेश मंदिर में समय में कोई बदलाव नहीं किया है, इस बार यहां एक लाख से ज्यादा लोग दर्शन करने के लिए पहुंचने की संभावना है।

मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर भी शहर में बड़ा आस्था का केंद्र है। यहां जयपुर के अलावा दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं।

दर्शनों का समय

मंगला आरती प्रातः 4.00 बजे

विशेष पूजा प्रातः 11.20 बजे

श्रृंगार आरती प्रातः 11.30 बजे

भोग आरती दोपहर: 2.15 बजे

संध्या आरती सायंकाल : 7.00 बजे

शयन आरती रात्रि : 11.45 बजे

मंदिर में विशेष आयोजन : नियमित आयोजन ही विधिवत तरीके से होंगे। मंदिर प्रबंधन से महंत कैलाश शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार इस बार एक लाख से ज्यादा लोग मंदिर दर्शन के लिए पहुंचेंगे। पिछले साल भी इतनी ही संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे।

  1. देलवाड़ा जैन मंदिर, माउंट आबू

देलवाड़ा जैन मंदिर के प्रबंधक प्रमोद जैन एवं ट्रस्टी दिलीप दोशी ने बताया कि माउंट आबू शहर में आने वाला व्यक्ति विश्व का प्रसिद्ध देलवाड़ा जैन मंदिर के दर्शन करने जरूर आता है। देलवाड़ा मंदिर के पूरे मंदिर में कुल पांच मंदिरों में 432 छोटी बड़ी मूर्तियां हैं, सभी भगवानों की विधि विधान के साथ सवेरे 7 बजे से 10.30 बजे तक विधिवत पूजा होती है।

देलवाड़ा मंदिर के पूरे मंदिर में कुल पांच मंदिरों में 432 छोटी बड़ी मूर्तियां हैं, सभी भगवानों की विधि विधान के साथ सवेरे 7 बजे से 10.30 बजे तक विधिवत पूजा होती है।

जहां माउंट शहर में अत्याधिक सीजन के समय हर दिन लगभग 5000 लोग मंदिर में आते हैं एवं वही ऑफ-सीजन के समय 1500 से 2000 तक लोग मंदिर में दर्शन को आते हैं।

  1. तनोट माता मंदिर, जैसलमेर

इस मन्दिर को ‘तनोट राय’ कहते हैं। मामड़िया चारण की पुत्री देवी आवड़ को तनोट माता के रूप में पूजा जाता है।

दर्शन का समय : सुबह 6 से रात 9 बजे तक लगातार खुला रहेगा। मंदिर में सुबह 6.30 से 7.30 बजे और शाम 6.30 से 7.30 बजे तक 1 घंटे आरती होती है।

मंदिर कमेटी के मनीष पंडित के मुताबिक करीब 15 हजार से भी ज्यादा सैलानी हर रोज दर्शन कर रहे है। 1 जनवरी को भीड़ बढ़ने की संभावना है। यहां BSF खुद लाइन लगवाकर दर्शन करवाती है।

  1. जीणमाता मंदिर, सीकर

बताते हैं मुगल सम्राट औरंगजेब माता के मंदिर पर हमला करना चाहता था। जब सेना वहां पहुंची तो माता ने भैरों की अपनी सेना को छोड़ दिया (एक मक्खी परिवार की प्रजाति) जिसने सम्राट और उसके सैनिकों को अपने घुटनों पर ला दिया था।

दर्शन का समय : सुबह 4 से रात 9 बजे तक खुला रहेगा लगातार।

मंदिर में नववर्ष की खुशी में 31 दिसंबर की रात 7:30 बजे से 11 तक मंगल पाठ किए गए। 1 जनवरी को भी विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। मंदिर कमेटी के दीपक पाराशर के मुताबिक नए साल पर करीब 15 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुंचेंगे।

  1. बह्मा मंदिर, पुष्कर

मंदिर में विशेष आयोजन : पूजा अर्चना, प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के व्यवस्थापक अरुण पाराशर ने बताया कि नव वर्ष पर करीब 20 हजार श्रद्धालु आने की उम्मीद है। सालभर में यहां पांच लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते है।

  1. शक्तिपीठ मां शाकंभरी

    मंदिर सकराय धाम, उदयपुरवाटी

दर्शन का समय : मंगला आरती सुबह 5.00 से 5.30 तक, दर्शन सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक।

मंदिर प्रबंधन की ओर से कोई विशेष आयोजन नहीं होगा, यहां नया साल चैत्र मास में मनाते हैं। श्रद्धालुओं की ओर से फूलों की सजावट की जाती है। मंदिर के महंत दयानाथ महाराज के अनुसार यह नया साल चैत्र मास में मनाया जाता है, इसलिए 1 जनवरी को दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम रहती है। यहां 1-2 हजार लोग दर्शन करने आते हैं।

  1. जगदीश मंदिर, उदयपुर

मंदिर कमेटी के विनोद पुजारी ने बताया कि नए साल पर लगभग तीन हजार श्रद्धालु दर्शन करेंगे।

दर्शन का समय : सुबह 5:30 बजे मंगला होती है। श्रृंगार आरती सुबह 10:30 बजे होगी। दोपहर 12:30 राजभोग आरती होगी। फिर दोपहर 2:30 बजे तक दर्शन खुले रहेंगे, फिर पट बंद हो जाएंगे। वापस 4 बजे खुलेंगे, जो रात 10 बजे तक खुले रहेंगे। दोपहर को और शाम आरती के बाद भजन कीर्तन होंगे।

  1. श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा

मंदिर में इन दिनों डेली प्रत्येक दर्शन में 6 से 7 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। नए साल पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है। अनुमान के अनुसार 40 से 50 हजार के बीच श्रद्धालुओं के दिन भर में मंदिर पहुंच सकते हैं।

दर्शनों का समय : 1 जनवरी को दिन भर में कुल सात दर्शन खुलेंगे। जिसमें मंगला, श्रृंगार, ग्वाल, राजभोग, उत्थापन, भोग व आरती के दर्शन होंगे। प्रभु श्रीनाथजी की प्रथम दर्शन मंगला झांकी के होंगे जो कि सुबह 5.30 बजे खुलेंगे, इसके बाद श्रृंगार के दर्शन सुबह 7.30 बजे, ग्वाल के दर्शन 9.15 बजे, इसके बाद 11 बजकर 15 मिनट के करीब राजभोग झांकी के दर्शन खुलेंगे।

इसके बाद दोपहर के दर्शन पुनः 3 बजकर 45 मिनट पर उत्थापन झांकी के साथ खुलेंगे, इसके बाद भोग के दर्शन 4.30 बजे इसके बाद आरती के दर्शन सांय 5.15 बजे खुलेगे। शयन के दर्शन वर्तमान में बंद रहते हैं जो कि बसंत पंचमी से दोबारा शुरू होंगे।

  1. करणी माता मंदिर, देशनोक, बीकानेर

मंदिर में कोई विशेष आयोजन नहीं होगा, लेकिन नियमित पूजन में आम दिनों से ज्यादा भक्तों के पहुंचने की संभावना है। मंदिर कमेटी के अनुसार करीब 8 से 10 हजार भक्त नए साल पर आते हैं।

  1. त्रिनेत्र मंदिर, रणथम्भौर, सवाई माधोपुर​​​​​​​

दर्शन का समय : हमेशा की तरह सुबह 7 बजे से दर्शन शुरू होंगे। मंदिर में नियमित पूजन होगा।

मंदिर कमेटी के अनुसारक करीब एक लाख, सुबह से शाम तक सवाई माधोपुर के लोग नववर्ष की शुरुआत यहीं धोक लगाकर करते हैं। वहीं, नए साल पर रणथंभौर में लाखों की संख्या में पर्यटक आए हुए हैं। ​​​​​​​

  1. रातानाडा गणेश मंदिर, जोधपुर

दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक।

पूरे जोधपुर में इस मंदिर में लोगों की विशेष आस्था है। हमेशा की तरह नए साल पर स्थानीय लोग बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं। यहां करीब 2 से 4 हजार श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है।

  1. चामुंडा माता मंदिर, मेहरानगढ़

मंदिर में दर्शन का समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मंदिर खुला रहेगा।

यहां भी नियमित आयोजन होंगे। नववर्ष पर टूरिस्ट सीजन के चलते दर्शनार्थियों की संख्या 5 हजार के करीब रह सकती है।

  1. खाटूश्यामजी मंदिर : ऑनलाइन होंगे दर्शन

नए साल पर लाखों की संख्या में लोग खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए जाते हैं, लेकिन इस साल जनवरी के पहले हफ्ते में खाटूश्यामजी का मंदिर बंद रहेगा। मंदिर 7-8 जनवरी के बाद ही खुलेगा। हालांकि, श्रद्धालु खाटूश्यामजी के ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे।

मंदिर प्रशासन की मानें तो हर बार नए साल पर लगभग 2.5 से तीन लाख लोग मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आते हैं। लेकिन इस साल श्रद्धालु नये साल के पहले दिन मंदिर में नहीं आ सकेंगे जिससे काफी कुछ शांत नजर आ रहा है।

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