राजस्थान

राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले- ‘मुझे दुख है मेरा जिला पीछे रह गया’ …

जयपुर। राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने सदियों से अकाल झेला है। राजस्थानी  अकाल से मजबूत हुए है। पश्चिमी राजस्थान में आपकों 6-6 फीट के लोग मिल जाएंगे। लंबे-पूरे और हष्ट-पुष्ट। राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रकृति प्रहार करती है तो कुछ देकर जाती है। राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों से राजस्थान का देश-विदेश में हिस्सा बढ़ेगा। हमने नारा दिया है। खेलेगा राजस्थान, जीतेगा राजस्थान। 

26 जनवरी राजीव गांधी शहरी ओलंपिक की शुरूआत हो रही है। राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजीव गांधी ग्रामीण खेलों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों की हरसंभव मदद करेगी।

राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने गृह जिले जोधपुर को कोई पदक नहीं मिलने पर निराशा जताई है। सीएम गहलोत ने कहा कि जो लोग जीतकर आए है। अपने गांव और जिले का गौरव बढ़ाया है। यह सौभाग्य कुछ जिलों को मिला है। मुझे दुख है कि मेरा जिला जोधपुर पीछे रह गया है। कुछ जिलों ने शानदार काम किया। उन्हें बधाई मेरी। जो कामयाब नहीं हो पाए। अगली बार मेहनत करेंगे।

हनुमानगढ़ ने सबसे अधिक 7 मैडल प्राप्त किए है। चूरू ने 4 मैडल प्राप्त किए। अजमेर ने 2 मैडल प्राप्त किए। जयपुर ने 2, सीकर ने 2, बीकानेर ने 2, गंगानगर ने 2, नागौर ने 2, भीलवाड़ा ने 1, चित्तौड़गढ़ ने 1, बांसवाड़ा ने 1 और जयपुर वापस आ गया 1, बाकि जिले गायब है। मेरा जिला भी उसमे शामिल है।

बाकि जिलों के कोचेज को सब को एक्टिव करना पड़ेगा। 33 जिलों के टेलेंट हंट का काम करने की जिम्मेदारी कोच की होती है। पीटीआई की होती है। मैं समझता हूं। वो करना चाहिए। सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों की पूरी मदद करेगी।

राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामिण ओलंपिक खेलों का एक महीने 20 दिन आयोजन हुआ। 40 हजार गांवों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। 30 लाख का आंकड़ा कम नहीं होता है। 10 लाख महिलाएं खेलीं। 2 लाख 50 हजार से अधिक टीमें बनी। सभी की भागीदारी से इतना बड़ा आयोजन हुआ।

आयोजन कई मायने में महत्वपूर्ण होता है। 10 से लेकर 80 साल के लोगों ने खेलों मे भाग लिया। सरकार बनते ही हमारा नारा था। निरोगी राजस्थान का। खेलों से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कोरोना की वजह से थीम कमजोर पड़ गई। चिरंजीवी योजना लेकर आए है। सब फ्री। राजस्थान निरोगी रहे। स्वस्थ रहे। हम आगे बढ़े। यह मेरी भावना है। खेल को खेल की भावना से खेलें। खेलों से करीब आ गए।

गांव-गावं में खिलाड़ियों को मौका दिया। पूरे मुल्क में तनाव है। हिंसा का माहौल है। असहमति सहन नहीं हो रही है। आलोचना को महत्व देना चाहिए। हम सत्ता में है। विपक्ष हमारी आलोचना करता है। मैं बुरा नहीं मानता हूं। विपक्ष आलोचना करने के लिए ही होता है। आलोचना आभूषण है। विपक्ष नहीं होगा तो लोकतंत्र के क्या मायने है।

Back to top button