राजस्थान

शहरों में आबादी भूमि के स्वामित्व से अधिक भूमि के नियमन पर बाध्यता हटाई गई, UDH-LSG ने जारी किए आदेश; जानिए क्या है मायने….

जयपुर। प्रदेश के शहरों में सरकारी भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन के लिए पिछले वर्ष 4 जुलाई को आदेश जारी किए गए थे. इस आदेश के तहत 300 वर्गमीटर तक आकार के भूखंडों का नियमन संबंधित निकाय के स्तर पर करने के प्रावधान है. प्रदेश के शहरों में सरकारी भूमि पर बसी कॉलोनियों और आबादी भूमि के नियमन के मामलों में नियमन का अब नया रास्ता खोला गया है.  इससे बड़े भूखंडों के लिए राज्य सरकार से स्वीकृति लेने का प्रावधान किया गया. नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने अब एक नया आदेश जारी कर 300 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के नियमन का रास्ता पूरी तरह खोल दिया है.

आपको बताते हैं कि नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग के इस आदेश में क्या है नया…
  1. – सरकारी भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन के लिए 4 जुलाई 2022 को आदेश जारी किया गया
  2. – इस आदेश में 300 वर्गमीटर तक की भूमि के नियमन की दर निर्धारित की गई
  3. – इसके अनुसार आवासीय आरक्षित दर या आवासीय डीएलसी दर, दोनों में से जो भी कम हो
  4. – उसके 10 प्रतिशत के आधार पर इन भूखंडों का नियमन करने का प्रावधान किया गया
  5. – इससे बड़े भूखंडों के नियमन के लिए सरकार की स्वीकृति आवश्यक की गई
  6. – लेकिन इन बड़े भूखंडों का नियमन किस दर पर किया जाएगा
  7. – इस बारे में इस आदेश में कुछ नहीं कहा गया
  8. – नगरीय विकास विभाग व स्वायत्त शासन विभाग ने जो अब आदेश जारी किया है
  9. – इस आदेश में 300 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के नियमन की दर निर्धारित की गई है
  10. – इन भूखंडों का नियमन आवासीय आरक्षित दर या आवासीय डीएलसी दर,जो भी कम हो
  11. – उसके 25 प्रतिशत के आधार पर इन भूखंडों का नियमन किया जा सकेगा
नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की ओर से इस आदेश में आबादी भूमि के नियमन के मामले में भी व्यापक छूट दी गई है. आपको बताते हैं कि इस आदेश के मायने क्या हैं…
  1. – शहरों में आबादी भूमि के स्वामित्व से अतिरिक्त भूमि के नियमन को लेकर पहले बाध्यता थी
  2. – 300 वर्गमीटर या मूल भूखंड का 10%,दोनों में से जो भी कम हो
  3. – उस क्षेत्रफल तक स्वामित्व से अतिरिक्त भूमि का नियमन किया जा सकता था
  4. – लेकिन अब राज्य सरकार के इस आदेश में तय आकार की बाध्यता हटा ली गई है
  5. – अगर स्वामित्व के अलावा 300 वर्गमीटर तक अतिरिक्त भूमि है
  6. – तो संबंधित निकाय के स्तर पर अतिरिक्त भूमि का नियमन किया जा सकेगा
  7. – 300 वर्गमीटर से अधिक अतिरिक्त भूमि का नियमन सरकार की स्वीकृति के बाद होगा
  8. – 300 वर्गमीटर तक अतिरिक्त भूमि का नियमन आवासीय आरक्षित दर या आवासीय डीएलसी दर
  9. – दोनों में से जो भी दर कम होगी, उसके 10 प्रतिशत पर किया जाएगा
  10. – 300 वर्गमीटर से अधिक अतिरिक्त भूमि का नियमन आवासीय आरक्षित दर या आवासीय डीएलसी दर
  11. – दोनों में से जो भी दर कम होगी, उसके 25 प्रतिशत पर किया जाएगा
Back to top button