मेरी राय … ये वक्त घबराने का नहीं रुककर फैसला लेने का है …
मुंबई { संदीप सोनवलकर } । कोरोना और अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार में कीमतों में भारी गिरावट से भारतीय शेयर बाजार और विदेशी बाजार में हडकंप हैं। अकेला बीएसई ही तीन दिनों में गोता लगा चुका है और निवेशकों को 10 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है लेकिन ये समय घबराने का नहीं बल्कि रुककर फैसला करने का है।
बाजार के विशेग्य मानते हैं कि अगले एक महीने में कोरोना का असर कम होगा और मार्च के बाद सरकारी खर्च बढ़ेगा जिससे बाजार में सुधार आ सकता है। विशेषज्ञों को ये भी लगता है कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना होगा खासतौर पर आरबीआई के जरिये बाजार में लिक्विडीटी बढ़ानी होगी।
देश में गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों के समूह एफआईडीसी के महासचिव महेश ठक्कर मानते हैं कि बाजार में कोरोना और विदेशी बिकवाली का दवाब के चलते तेजी से गिरावट आई है लेकिन सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। अगले एक महीने में हालात सुधर सकते हैं जो सूचनायें चीन से भी आ रहीं हैं उसके हिसाब से वहां भी हालात नियंत्रण में आ रहे हैं।
वित्तीय जोखिम विशेषज्ञ और एक्चुरी गोपाल कुमार के अनुसार इस समय घबड़ाहट में शेयर या म्युचुअल फंड बेचने का समय नहीं है बल्कि निवेशकों को रुककर इंतजार करना चाहिये ताकि बाजार में सुधार आ सके। उनका ये भी कहना है कि शुरुआती तेजी से गिरावट के बाद ही दोपहर में बाजार 250 अंक सुधरा भी है ये एक सकारात्मक संदेश हैं।
निवेश सलाहकार पुरुषोत्तम के अनुसार ये समय तो निवेश का है पैसा लगाने है। ये एक तरह से लाईफ टाईम अपार्चुयुनिटी है। जिसमें निवेशकों को भारी फायदा हो सकता है। मसलन यस बैक की क्राईसिस के बाद उसका शेयर पांच रुपये तक पहुंच गया था लेकिन एसबीआई के आश्वासन के बाद अब ये 22 रुपये तक आ गया है जो आगे बढेगा ही। समय इस बात का है कि रुककर देखा जाये।
इस समय जरुरत है कि सरकार बाजार में हस्तक्षेप करे और बजट के तुंरत बाद सरकारी खर्च बढाये। बैंकों को ज्यादा लिक्विडिटी करने कहा जाये। कर्ज की दरें कम की जाये और इन्फ्रा सेक्टर में निवेश बढाया जाये।
विशेषज्ञों की सलाह
- 1. हड़बड़ी में शेयर ना बेचें, मार्केट गिरा है तो सुधरेगा भी
- 2. कंपनियों में निवेश सोच समझकर करें
- 3. उन्ही कंपनियों में निवेश करें जिनका पिछला रिकार्ड मजबूत रहा हो
- 4. कंपनियों के लोन और डिफाल्टर बैंक से संबंध जरुर जांच लें
- 5. निवेश करते समय भावुक ना हो विशेषज्ञ की राय लें.