मध्य प्रदेश

मंत्रियों ने बनाया अपना लक्ष्य- प्रदेश का समावेशी विकास और 29 लोकसभा सीट पर फोकस

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट के गठन के 5 दिन बाद मंत्रियों के बीच में विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। इसे बहुत ही संतुलित माना जा रहा है। अब सभी मंत्रियों पर अपने-अपने विभाग में बेहतर परफॉर्मेंस की जिम्मेदारी तय हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कई अहम विभाग अपने पास रखे, वहीं दोनों उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल को भी महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। वहीं कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह को भी वजनदार विभाग दिए गए हैं।

शहरों के विकास की जिम्मेदारी विजयवर्गीय पर
कैलाश विजयवर्गीय को नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग देकर शहरों के विकास की जिम्मेदारी दी गई है। इंदौर शहर के विकास को लेकर उनकी भूमिका पिछले तीन दशकों से सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है। उनके  इस अनुभव का लाभ अब बाकी के शहरों को भी मिलने की उम्मीद जागी है। विधानसभा में वे पहले भी खासे सक्रिय रहे हैं, अब उन पर संसदीय कार्य का जिम्मा भी दिया गया है।

ग्रामीण विकास को गति देंगे प्रहलाद पटेल
प्रहलाद पटेल को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दिया गया है। पटेल हमेशा सकारात्मक सोच के साथ काम करते हैं, अब उनकी यही सोच ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देगा। राकेश सिंह मंत्री पहली बार बने हैं, लेकिन उनका विजन हमेशा विकास करने को रहा है। जबलपुर में सांसद रहते हुए उन्होंने इसका सभी को आभास कराया है। उन्हें लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
 

सीएम ने रखे तीन अहम विभाग
मध्य प्रदेश में मंत्रियों के विभागों का बंटवारे में कुछ कुछ उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे की झलक दिखाई देती है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामान्य प्रशासन, गृह और खनिज जैसे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं। ठीक इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पास इन तीनों विभागों को रखा है। करीब तीन दशक बाद मुख्यमंत्री ने गृह विभाग अपने पास रखा है। इससे लगता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अब पहले से और बेहतर किए जाने के व्यापक प्रयास होंगे। इसी तरह से अवैध खनन को लेकर लगातार उठते सवालों के चलते इस विभाग को चुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह विभाग भी अपने पास रखा है।

गोविंद का बदला विभाग, तुलसी-प्रद्युम्न को पूर्व के विभागों की ही जिम्मेदारी
कमलनाथ सरकार और फिर शिवराज सिंह चौहान की सरकार में एक जैसे ही विभाग की कमान संभालने वाले गोविंद सिंह राजपूत का इस बार विभाग बदल दिया गया है। गोविंद सिंह राजपूत जब कांग्रेस में थे और प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी, तब उनके पास राजस्व और परिवहन विभाग थे। बाद में प्रदेश में सत्ता पलट हुआ और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। इस सरकार में भी गोविंद राजपूत को राजस्व और परिवहन विभाग दिया। अब गोविंद सिंह राजपूत के विभाग बदल दिए गए हैं। उन्हें इस सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि तुलसी सिलावट को पूर्व की ही तरह जल संसाधन विभाग और प्रद्युम्न सिंह तोमर को भी पूर्व की ही तरह ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी मिली है।

पहली बार बने मंत्री लेकिन मिले बड़े विभाग
इस सरकार में दो कैबिनेट मंत्री ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बनाए गए हैं। दोनों ही मंत्रियों को वजनदार और महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें नागर सिंह चौहान को वन, पर्यावरण और अनुसूचित जाति कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। वहीं पहली बार मंत्री बने राव उदय प्रताप सिंह को परिवहन और स्कूल शिक्षा जैसे विभाग दिए गए हैं। वहीं एंदल सिंह कंषाना को किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग देकर उन्हें भी मजबूत किया गया है।

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