मध्य प्रदेश

दिग्विजय सिंह का दावा: भारत में कभी बहुसंख्यक नहीं हो सकते मुसलमान, इंदौर में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में बोले पूर्व सीएम…

इंदौर। भाजपा और आरएसएस हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की साजिश छोड़ें। मोहन सिंह सहित तमाम संघ कार्यकर्ताओं को मेरा दावा है कि इस देश में मुस्लिम कभी भी बहुसंख्यक नहीं हो सकते। मालवा भाजपा और आरएसएस का गढ़ रहा है, लेकिन अ़ब आदिवासी, अल्पसंख्यक और दलित इनके खिलाफ होने लगा है। अपनी खिसकती जमीन को बचाने के लिए भाजपा समर्थक मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देकर सांप्रदायिकता भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। यदि धर्मनिरपेक्ष लोग एकजुट रहे तो अपनी साजिश में ये कभी सफल नहीं हो पाएंगे।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदौर में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में उक्त विचार व्यक्त किए। सिंह ने सम्मेलन में मौजूद कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को तोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा को एकजुटता के साथ मुंहतोड़ जवाब दें। सिंह ने कहा कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी का कभी भी संविधान में भरोसा नहीं रहा, जिसके चलते इनकी केंद्र की और प्रदेश की सरकार संविधान का मखौल बना रही है। केंद्र में यह ऐसी पहली सरकार है जो संवैधानिक मर्यादाओं को तहस-नहस कर रही है। संविधान और देश बचाने के लिए अब लंबी लड़ाई लड़ना पड़ेगी। केवल झूठ फैलाकर भाजपा-संघ मुसलमानों के विरुद्ध जहर उगलते हैं। एक तरफ भागवतजी कहते हैं मुसलमान-हिंदुओं का डीएनए एक है तो फिर विविधता में एकता की शक्ति में फूट डाल रहा है आरएसएस। कश्मीर में धारा 370 लगाते वक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सहमति थी। सनातन धर्म से संघ का कोई लेनादेना नहीं। इन सात साल में गरीबों का सबसे अधिक नुकसान हुआ है, नौकरियां चली गईं।

इंदौर में हुई घटना को लेकर बोले- चूड़ी बेचने वाले की पिटाई का हक आपको किसने दे दिया। चूड़ी बेचने वाले को मारा-पीटा और आरोपी भी बना दिया। झूठे प्रकरण बनाना इस सरकार की नीयत और नीति बन गई है। संघ की मानसिकता कमजोर पर हमले की है। जिसने डटकर मुकाबला किया उससे नहीं टकराते। शिशु मंदिर के वक्त से बच्चे गुमराह किए जा रहे हैं, उन्हें भेदभाव बताया जाता है। मोहन भागवत से लेकर संघ को चुनौती देता हूं इस देश में मुसलमान कभी भी बहुसंख्यक नहीं हो सकते। आज बच्चे पालना मुश्किल हो रहा है तो कौन ढेरों बच्चे पैदा करना और चार बीवियां रखना चाहेगा। सबसे बड़े गोमांस निर्यातक भाजपा को करोड़ों का चंदा देते हैं। भाजपा ने चुनाव आयोग को चंदे की जानकारी में कहा है। भारत के संविधान का मखौल उड़ाया जा रहा है, संघ को इस पर भरोसा नहीं रहा है। हम सबको एकजुट होकर गांधी के हत्यारों के खिलाफ लड़ाई लड़ना होगी।

माकपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा राखी बांधने से भाईचारा बढ़ने वाला नहीं है, इन फरेबी लोगों की बात का जवाब देना होगा। ये लोग बातें तो राष्ट्रप्रेम की करते हैं, लेकिन काम कर रहे हैं देश बेचने का। विपक्ष द्वारा असलियत बताने और विरोध करने पर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए लव जिहाद की बातें ले आते हैं। इनसे अधिक तो मैं देशप्रेमी हूं। जितने सेनानी मेरे परिवार से हैं इनके नहीं। इनका परिवार तो गोड़से का परिवार है। इनके झूठ से जनता को अवगत कराने की जरूरत है। देश में किसान और मजदूर सड़कों पर हैं और यही सांप्रदायिक सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

यह सम्मेलन कांग्रेस, भाकपा, माकपा, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, भगत सिंह दीवाने ब्रिगेड, आम आदमी पार्टी, इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस आदि संगठनों ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था। बड़े नाम वाले संगठनों के पांच सौ कार्यकर्ता भी नहीं जुट पाए। कांग्रेस कार्यकर्ता भी दिग्विजय सिंह के कारण जुटे थे। पिछले एक महीने से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं। नीमच में तो एक आदिवासी की हत्या भी कर दी गई है। साथ ही देवास, उज्जैन, महिदपुर, हाटपीपल्या, रीवा, सतना, होशंगाबाद में ऐसी घटनाएं हुई हैं और आरोपियों को सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई उन्मादी घटनाओं के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें संकल्प लिया गया है कि सांप्रदायिकता के खिलाफ जनजागरण करने के लिए विधानसभा स्तर और वार्ड स्तर पर ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

सम्मेलन को पूर्व सांसद कल्याण जैन, जसविंदर सिंह, सोहनलाल शिंदे, रूद्रपाल यादव, मुजीब कुरैशी, रामस्वरूप मंत्री, सीएल सर्रावत, लक्ष्मीनारायण पाठक, अरुण चौहान, पीयूष जोशी सहित विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने की, जबकि संचालन कैलाश लिम्बोदिया ने। सम्मेलन में गैर भाजपाई दलों के कार्यकर्ता शरीक हुए। अंत में आभार श्यामसुंदर यादव ने माना।

जावेद अख्तर द्वारा की गई टिप्पणी पर उनके निवास पर प्रदर्शन, उनकी फिल्मों का बायकाट करने को उन्होंने गलत बताया। सिंह ने कहा कि जावेद अख्तर प्रतिष्ठित विचारक हैं। संविधान ने विचार व्यक्त करने की आजादी दी है, यह उनका हक है। उनका इस तरह विरोध करना गलत है। एमबीबीएस कोर्स में मेडिकल कोर्स की अपेक्षा संघ नेताओं के विचार पाठ्यक्रम में शामिल करना ज्यादा ठीक लग रहा है सरकार को। भारत को पुराने समय में ले जा रहे हैं। यूपी में सौ सीटों पर लड़ने का दावा करने वाले ओवैसी तेलंगाना में सारी सीटों पर क्यों नहीं लड़ते। उनकी भाजपा से मिलीजुली कुश्ती है। मुझ पर केस लगाने वाली भाजपा ओवैसी पर राजद्रोह का केस क्यों नहीं लगाती? इन्हीं ओवैसी और वो फ्रॉड बाबा रामदेव ने भी मेरे खिलाफ केस किया है।

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