मध्य प्रदेश

चार साल में 550 बिलियन डालर की हो जाएगी मध्य प्रदेश की इकोनामी- शिवराज सिंह

सीएम बोले- देश को 5 ट्रिलियन इकोनामी बनाने का लक्ष्य मप्र के सहयोग से ही हासिल होगा

इंदौर। प्रधानमंत्री मोदी के सपनों का आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पहले मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनना होगा। 2026 तक मप्र की अर्थव्यवस्था 550 बिलियन डालर की हो जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यह बात मंगलवार शाम यहां ब्रिलियंट कंवेशन सेंटर में  एमएसएमई विभाग और संगठनों के बीच एमओयू निष्पादन के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। समारोह में बड़ी संख्या में युवा और एमओयू करने वाली एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अब बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है। देश को 5 ट्रिलियन इकोनामी बनाने का लक्ष्य मप्र के सहयोग से ही हासिल होगा। मप्र सबसे तेजी से तरक्की करता प्रदेश बन चुका है। आंकड़े पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जीडीपी की वृद्धि दर 9.76 प्रतिशत है जो देश में सबसे ज्यादा है। अर्थव्यवस्था का आकार 3.5 लाख डालर से बढ़कर 11.5 लाख डालर हो गया है। देश की जीडीपी में मप्र का योगदान बढ़कर साढ़े चार प्रतिशत हो गया है।

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए किया 10 संगठनों से एमओयू

इस अवसर पर प्रदेश के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 10 संगठनों के साथ एमओयू करार किए गए। प्रदेश के एमएसएमई विभाग की ओर से प्रमुख सचिव पी नरहरि ने संगठनों के साथ एमओयू हस्तांतरित किए। प्रदेश के साथ करार पर दस्तखत करने वाले 10 संगठन अपनी ओर से प्रदेश के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह से सहयोग देंगे। यह सहयोग फंडिंग से लेकर तकनीक, इंक्यूबेशन से लेकर प्रमोशन तक का होगा।  समारोह में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, मंत्री उषा ठाकुर, विधायक मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, आकाश विजयवर्गीय, कृष्णमुरारी मोघे सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

प्रदेश में 2500 स्टार्टअप

प्रदेश शासन ने कुल 10 संगठनों के साथ एमओयू निष्पादित किए। इसमें ओएनडीसी, टाई ग्लोबल, एफआइटीटी, एमवन, सिडबी, एचडीएफसी, एचोसैम, सीआइआइ, पीएचडी चैंबर आफ कामर्स और योर स्टोरी शामिल हैं। समारोह में मौजूद एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि प्रदेश में चार महीनों में 100 से ज्यादा क्लस्टर बनाए जाएंगे। केंद्र की ओर से भी मप्र को 13 औद्योगिक क्लस्टर दिए गए हैं। प्रमुख सचिव एमएसएमई पी नरहरि ने कहा कि प्रदेश में कुल 2500 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा 1400 इंदौर के हैं।

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