लेखक की कलम से

मानव समाज और इंसानियत …

मानव समाज में इंसानियत नाम कि कोई चीज नहीं रह गयी है। जब कि मनुष्य ही सभी प्राणी में सर्वश्रेष्ठ, बुद्धिमान एवं चालाक माना जाता है। आज मानव समाज बंजर हो चला है। ये पता नहीं किस ख्वाब में जी रहा है। समाज कि समरसता, चेतना, संबेदना सब कुछ गायब हो चली है। आज अजीबो गरीब किस्म कि घटना को अंजाम देने में तुला हुआ है। प्रेम नाम का शब्द मानव के शब्दकोष से गायब हो गया है। मानव बेहद अमानवीय व्यवहार कर रहा है। चाहे मानव हो, पशु पक्षी।

ऐसे ही एक बेहद अमानवीय और इनसानियत को शर्मसार करने वाला है घटना है। 18 जुलाई, 2020 को राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर तहसील के साजनसर गांव कि,  जहां एक ऊंटनी के 4 साला बच्चे के साथ कुछ दबंग युवकों ने बर्बरता की।इतना ही नहीं, ऊंटनी के बच्चे पर आरोपियों ने ताबड़तोड़ कुल्हाडियों से वार किए।साथ ही, उस के आगे के पैरों को तोड़ कर अलग कर दिया यह मामला बेहद अमानवीय और इनसानियत को शर्मसार करने वाला है।

बेजुबान जानवर ऊंटनी के बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि उस ने खेत में जा कर फसल खराब कर दी थी। इतनी सी गलती के लिए 3 लोगों ने न सिर्फ उस पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार किया, बल्कि उस की आगे की टांगें भी काट दीं इलाज के दौरान देर रात उस ऊंटनी के बच्चे की मौत हो गई बेजुबान जानवर ऊंटनी के बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि उस ने खेत में जा कर फसल खराब कर दी थी।

इस से पहले केरल में एक गर्भवती हाथी की विस्‍फोटकों से भरा अनानास खाने से एक हथिनी की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है।सोचने वाली बात है क्या मनुष्य कभी कोई गलती नहीं करता है। तो क्यों नही इन्ही जानवरो कि तरह अमानवीय व्यवहार मनुष्य के साथ किया जाता है।पर क्या किसी को मार देने से उस नुकसान की भरपाई हो पाएगी? नामुमकिन।

पर, ऐसे बेजबान जानवरों के साथ अमानवीयता की सारी हदें लांघ दी जाती हैं। कोई हमदर्दी नहीं, कोई रहम नहीं। यही वजह है कि ये बेजबान जानवर भी अनदेखी के शिकार होते जा रहे हैं।हम मनुष्य हैं,  हमें इतना संवेदनशील तो होना चाहिए… कि यदि हमें मछलियाँ पसंद हैं…. तो हम उन्हें शीशे के बक्से में कैद करने की बजाय… खुद को तैरना सिखाएँ…

 

  ©अजय प्रताप तिवारी, इलाहाबाद   

 

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