लेखक की कलम से

हाथ थामकर चलना …

गीत

 

ओ मेरे देश वासियों

मत करना मनमाना

करना देश की रक्षा

आक्रोश में कभी न आना

ओ मेरे देश वाशियों,,,,,,

 

तुमसे ही है देश हमारा

पूरी जीवन इसपे लुटाना

कितने भी आए मुश्किले

हाथ थाम कर चलना,

ओ मेरे देश वासियो,,,,,,

 

सर कट जाए तो कट जाने देना

अपनी तिरंगा को नहीं झुकने देना

जाति पात का भेद भाव छोड़कर

कदम से कदम मिलाकर चलना

ओ मेरे देश वासियों,,,,,,,,,,

 

© अर्पणा दुबे, अनूपपुर                        

Back to top button