दिल्ली दरबार : मध्य प्रदेश में बड़े सियासी बदलाव की आहट खतरे में शिवराज की कुर्सी …
नई दिल्ली (पंकज यादव)। मध्य प्रदेश में बड़े सियासी बदलाव की चर्चा दिल्ली दरबार में चल रही है। चर्चा तो यहां तक है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पद से हटाकर किसी नए चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है। ऐसे में यह संभव है कि शिवराज को केंद्र सरकार में मंत्री बना दिया।
वैसे भी साल 2018 के विधानसभ चुनाव में हार के बाद ही शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय राजनीति में सक्रिय किया गया था। लेकिन मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से मशहूर शिवराज ने कमलनाथ को पटकनी दे दी। लेकिन बदले सियासी हालात में अब प्रदेश की राजनीति करवट ले रही है। कहने को भले ही भाजपा नेता यह कह रहे हों कि सब कुछ ठीक है लेकिन अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से उत्तराखंड में पार्टी ने नेतृत्व परिवर्तन किया है उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी नेतृत्व परिवर्तन होने की प्रबल संभावना है। संभव है कि प्रदेश में बीडी शर्मा को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी जाए और शिवराज सिंह चौहान के साथ—साथ कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री बना दिया जाए। जबकि केंद्र सरकार में मध्य प्रदेश कोटे से मंत्री प्रहलाद पटेल को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी जाए।
सूत्रों का कहना है कि इस बदलाव का असर अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। प्रहलाद पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने और बीडी शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे प्रमुख उद्देश्य ब्राह्मण और कुर्मी वोटों को अपने पक्ष में साधना है। आने वाले दिनों में कुछ और सियासी उठापटक होने की प्रबल संभावना है।