लेखक की कलम से
कोरोना को …भगायें
स्वच्छता को अपनायें
कोरोना को भगायें।।
धोएं हाथ बार-बार,
जीवन को कीटाणु मुक्त बनायें।।
स्वच्छता को अपनायें।
कोरोना को भगायें।
ना मिलाएं हाथ ,
एक दूसरे से ।
हाथ जोड़कर बस
आपसी भाईचारा अपनायें।।
स्वच्छता को अपनायें।
कोरोना को भगायें।।
ना जाएं भीड़ -भाड़ में,
घरों में रहकर ,
अपनों के साथ दिन बितायें।
स्वच्छता को अपनायें।
कोरोना को भगायें।।
जिंदगी की कीमत,
मौत से ना चुकायें।
कितनी भागी थी जिंदगी,
दिन-रात भूल ……!!!
जिस तरक्की की ओर ….???
अब
घर बैठकर सोचे
मानवता को ,
किस ओर ले जायें।
©प्रीति शर्मा “असीम”, सोलन हिमाचल प्रदेश