रायपुर

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा- छत्तीसगढ़ में कोरोना का होगा रेंडम टेस्टिंग, आने वाले समय में लोगों को करना होगा जीवन शैली में बदलाव

दिल्ली बुलेटिन से खास बातचीत

रायपुर {प्रमोद शर्मा} । प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही कोरोना का रेंडम टेस्टिंग प्रारंभ करवाएंगे। हर व्यक्ति का कोरोना टेस्टिंग हो यह जरुरी भी नहीं है और संभव भी नहीं। आने वाले समय में कोरोना का लक्षण नहीं दिखेगा और लोग बिना इलाज के ठीक भी हो जाएंगे। आने वाला छह माह महत्वपूर्ण है, जब लोगों को अपने जीवन शैली में बदलाव करना पड़ेगा।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने आज दिल्ली बुलेटिन से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। उनसे जब पूछा गया कि क्या छत्तीसगढ़ में सभी का कोरोना टेस्टिंग करने की तैयारी है ? इस पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेंडम टेस्टिंग करने की तैयारी की जा रही है। इसमें स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों और उनके परिजनों का कोरोना टेस्ट करवाया जाएगा। इसके आलावा उन जगहों में एक अभियान के रूप में टेस्टिंग होगी जो कोरोना के संभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हांकित हैं। इसी अभियान के तहत कोरबा जिला में आज से टेस्टिंग का काम शुरू किया गया है। कोरबा जिले का कटघोरा हॉटस्पॉट के रूप में है उसे किसी भी सूरत में समाप्त किया जाना है।

श्री सिंहदेव का यह कहना है कि छत्तीसगढ़ में तीन करोड़ लोग हैं। सभी का कोरोना टेस्ट किया जाना संभव भी नहीं है और जरुरत भी नहीं है। हां यह जरुर किया जाएगा कि जो बुजुर्ग हैं, जिनको खांसी आदि होगी उनका जरूर टेस्ट करवाया जाएगा। इन सब के लिए एक रणनीति तैयार की जा रही है। छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति पर उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने सहयोग दिया है। इसलिए कोरोना नियंत्रण में है लेकिन आने वाला छह माह कोरोना के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण है। अभी जो लॉकडाउन में लोगों ने आदत में डाली है उन बातों को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा। बिना मास्क के किसी भी सूरत में घर से न निकलें। एक-दूसरे से हाथ मिलाने या गले मिलने से परहेज करना होगा। कोरोना टेस्ट निगेटिव आ जाने के बाद भी यह जरूरी नहीं है कि वह व्यक्ति कोरोना से प्रभावित नहीं हो सकता। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव का यह कहना है कि आने वाले समय में कोरोना का लक्षण नहीं दिखेगा। कोई तकलीफ नहीं होगी। वह व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव भी हो सकता है और बिना इलाज के ठीक भी हो जाएगा। यही वह समय है जब व्यक्ति को सावधानी से रहने की जरुरत है। जीवन शैली में यदि इस दौरान लापरवाही बरती गई तो हो सकता है कि कोरोना का असर व्यक्ति पर पड़े और उसे अस्पताल में इलाज करवाना पड़ सकता है।

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