रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से कहा- रायपुर को रखें ग्रीन जोन में

कांग्रेस ने कहा- राजधानी को रेड जोन में रखने के पीछे सिर्फ राजनीति

रायपुर {गुणनिधि मिश्रा} । केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची में राजधानी रायपुर सहित पूरे जिले को रेड जोन में रखने के निर्णय का विरोध करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि रायपुर में स्थिति एम्स का एक स्वास्थ्य अधिकारी करोना पॉजिटिव पाया गया है। इलाज करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमण से प्रभावित होने की घटनाएं सिर्फ रायपुर ही नहीं पूरे देश में और विश्व में अनेक स्थानों पर सामने आई हैं। स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस और प्रशासन के जिन लोगों के द्वारा करोना के खिलाफ इस जंग में अग्रिम पंक्ति से लड़ाई लड़ी जा रही है उनका कांग्रेस और छत्तीसगढ़ की जनता बेहद सम्मान करती है। इस स्वास्थ्य अधिकारी के भी शीघ्र स्वस्थ होने के लिए पूरी छत्तीसगढ़ सरकार कांग्रेस पार्टी और छत्तीसगढ़ की जनता ईश्वर से प्रार्थना कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रीतीसूदन सचिव स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार के पत्र 30 अप्रैल 2020 से बहुत स्पष्ट है कि यदि किसी जिले में अलग-अलग नगर निगम हैं तो उन नगर निगमों पर अलग-अलग विचार होगा। इसे देखते हुए बिरगांव नगर निगम को ग्रीन जोन में रखा जाना चाहिए। इसके साथ-साथ शेष रायपुर जिले के भू-भाग में भी चूंकि कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है इसलिए उसे भी ग्रीन जोन में रखा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा कर रायपुर को रेडजोन की जगह ग्रीन जोन में रखने की पहल का स्वागत करते हुये शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि रायपुर के एम्स में पूरे छत्तीसगढ़ से करोना के मरीजों को लाया गया है और वे स्वस्थ भी हुए हैं। एम्स रायपुर में करोना के मरीज होने या उन मरीजों से स्वास्थ्य अधिकारी के संक्रमित होने के आधार पर रायपुर को रेड जोन में डालने का केंद्र सरकार का निर्णय सही नहीं है। राजधानी रायपुर को रेड जोन में डालने का अर्थ छत्तीसगढ़ की सारी प्रशासनिक राजनीतिक और व्यवसायिक गतिविधियों का शून्य हो जाना है। रायपुर में राज्य का पहला कोरोना संक्रमित मरीज 17 मार्च को मिला था और भारत में लाक डाउनलागू होने के बहुत पहले 18 मार्च से रायपुर शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है और रायपुर शहर की प्रबुद्ध जनता ने स्वयं पहल करके सारे चिकित्सा मानदंडों का 18 मार्च से ही पालन किया है। यह कहा जा सकता है कि रायपुर देश के 1 सप्ताह पहले से 18 मार्च से लाक डाउन में है।

शैलेश ने मांग की है कि केंद्र सरकार अपने ही स्वास्थ्य विभाग के सचिव के पत्र में दिए गए मानदंडों के अनुसार बीरगांव नगर निगम और शेष रायपुर जिले को तत्काल ग्रीन जोन घोषित करे। उन्होंने यह भी कहा है कि क्योंकि 17 मार्च के बाद रायपुर में एक भी करो ना का मामला नहीं आया है और जो एकमात्र मामला एम्स के स्वास्थ्य अधिकारी का है उसे रायपुर शहर के लोगों से जोड़ना उचित नहीं है। केंद्र सरकार के इस निर्णय के पीछे स्वास्थ्य के मानदंड नहीं बल्कि राजनीति ही कारण है।

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