मध्य प्रदेश

कार्यवाहक प्रमोशन देने को लेकर उदासीन बना शासकीय महकमा

भोपाल

ओबीसी आरक्षण का मामला भले ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, लेकिन शासकीय महकमा इसके बावजूद भी कार्यवाहक प्रमोशन देने को लेकर उदासीन बना हुआ है। ये आलम है वन विभाग का जहां उपवन क्षेत्रपाल प्रमोशन का रास्ता देख रहे है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डाल रखे है।

12 जनवरी को वन भवन में 89 उप वनक्षेत्रपालों के  प्रमोशन देने के लिए डीपीसी हुई थी। लेकिन वन विभाग के एसीएस जेएन कंसोटिया द्वारा आदेश जारी नहीं होने के चलते प्रमोशन का मामला अभी भी अधर में लटका हुआ है। गौरतलब है कि सात महीने पहले भी प्रमोशन को लेकर वन भवन में डीपीसी हुई थी। लेकिन उस समय वन विभाग के आला अधिकारी विधानसभा चुनाव के आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रमोशन को लेकर दुबारा डीपीसी कराने का आदेश जारी कर दिया। जिसके चलते दो दर्जन से अधिक उप वन क्षेत्रपाल बगैर प्रमोशन के रिटायर हो गए।

300 रेंजरों का पद खाली
प्रदेश में मौजूदा समय में 300 रेंजरों का पद खाली है। वन विभाग से जुड़े जानकारों की माने तो प्रदेश के अधिकांश अभयारण्यों में रेंजरों के पद खाली है। विभाग में इन दिनों नए लोगों को तेजी से रेंजर बनाया जा रहा है जबकि अनुभव से संपन्न लोगों को प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है।

प्रमोशन एक प्रक्रिया के तहत होता है। डीपीसी हुए अभी एक महीना ही हुआ है। प्रमोशन का राह देखने वालों को 6 महीने का और इंतजार करना होगा।
जेएन कंसोटिया, एसीएस, वन विभाग

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