मध्य प्रदेश

5-6 जनवरी को भोपाल में होगी जल समिट, देश भर के जल संसाधन मंत्री बनाएंगे वाटर प्लॉन

केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल बोले- समिट में होने वाला संवाद आने वाले 25 साल का रोडमैप तैयार करेगा

भोपाल। 5 और 6 जनवरी को राजधानी में जल समिट होगी। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस समिट में देशभर के विभिन्न राज्यों के जल संसाधन मंत्री दो दिन तक भोपाल में एकत्रित होकर वाटर विजन-2047 पर मंथन करेंगे। इसमें होने वाला संवाद आने वाले 25 साल का रोडमैप तैयार करेगा। यह जानकारी केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने दी। उन्होंने बताया कि इसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी वर्चुअली शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीन से आने वाली नदियां भारत के लिए चुनौती हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल सोमवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने बताया कि अब तक सेक्रेटरी लेवल पर हुई चर्चाओं को लेकर देशभर के सभी राज्यों के मंत्रियों के साथ संवाद होगा। सभी मंत्री अपने-अपने राज्य में वाटर मैनेजमेंट को लेकर व्याप्त चुनौतियों के बारे में जानकारी देंगे। सभी मंत्री सुझाव और समाधान भी बताएंगे। इसमें होने वाला संवाद आने वाले 25 साल का रोडमैप तैयार करेगा। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर वाटर मैनेजमेंट को लेकर प्लान बनाया जाएगा।

10 करोड़ 56 लाख परिवारों को नल से मिल रहा है जल

श्री पटेल ने कहा- 2015 में स्वच्छता अभियान शुरू हुआ था। दुनिया के अनुमानों से 11 साल पहले भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य हासिल किया। ऑपरेशनल टॉयलेट के लिए पानी की जरूरत होती है। अगर डिफंक्ट टॉयलेट है, तो उसे अनुपयोगी टॉयलेट नहीं मानते। जल जीवन मिशन की घोषणा के वक्त 2019 में कुल 3 करोड़ 23 लाख परिवारों को पाइपलाइन से पानी मिलता था। वर्तमान में 10 करोड़ 56 लाख परिवारों को नल से जल मिल रहा है।

सरकार का फोकस ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर

उन्होंने कहा- एक व्यक्ति को एक दिन में 55 लीटर साफ पानी देने का संकल्प पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 5 हजार की आबादी के गांव में एक व्यक्ति को 55 लीटर पानी रोज सुबह मिलेगा, तो वह 24 घंटे बाद उसी पानी का 80 फीसदी हिस्सा ग्रे वाटर के रूप में जमीन में जाएगा। इसी ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर अब एक्शन प्लान बनेगा।

वाटर विजन 2047 हमारे आजादी के अमृतकाल के विजन का हिस्सा

उन्होंने कहा कि जागरूकता के बगैर जल संसाधनों की जरूरतों को पूरा करना कठिन होगा। हम इजराइल का उदाहरण ले सकते हैं, हम कॉपी करना नहीं चाहते। बुन्देलखंड जैसे इलाके में जहां पानी का भीषण संकट था। मैं बुन्देलखंड के दमोह से आता हूं, वहां 17 फीसदी पाइप लाइन से पानी था। एक महीने में यह आंकड़ा 72 फीसदी हो जाएगा। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि वाटर विजन 2047 हमारे आजादी के अमृतकाल के विजन का हिस्सा है। इसकी शुरुआत के लिए पीएम ने दो रास्ते सुझाए 10 विभागों के सचिवों का एक समूह बनाया। जहां भी जल से संबंध है, उन विभाग के अधिकारियों को इसमें जोड़ा।

गांवों में महिलाएं संभाल रहीं पानी का प्रबंधन

उन्होंने कहा- गांवों में वाटर सप्लाई के लिए पानी का सोर्स यदि 30 साल तक है, तो स्थाई स्त्रोत माना जाएगा। शुद्ध पानी के लिए जल एवं स्वच्छता समिति होगी ये पंचायत समिति से अलग बनेगी। ये नल-जल योजना के संचालन और संधारण का काम करेगी। उन्हीं में से पांच महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। ये महिलाएं गांव में सप्लाई होने वाले पानी की जांच करेंगी। इसके लिए उन्हें वाटर टेस्ट किट दी जाएगी। वो महिलाएं ही ये तय करेंगी कि पानी एक महीने में टेस्ट करना है या दो महीनों में। पांच में से अगर एक सैंपल की रिपोर्ट गड़बड़ मिलती है, तो उसे जिले की लैब में भेजा जाएगा। इस योजना के साथ जागरूकता की जरूरत है। समय से यदि वाटर मैनेजमेंट नहीं किया, तो आने वाले समय में ये चुनौती बढ़ेगी।

चीन से आने वाली नदियां हमारे लिए चुनौती, पर इससे निपटने का प्लॉन तैनात

केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा- भारत कभी भी पड़ोसी देशों के हिस्से को कम नहीं करता, लेकिन चीन से आने वाली नदियां हमारे सामने चुनौती बनकर खड़ी हैं। हमारे इंजीनियर्स ने तत्परता से काम किया है, हर चुनौती से निपटने के लिए हम तत्पर हैं। वहां तकनीक के साथ हमें इन मोर्चों पर खड़ा होना पड़ेगा। हमारी परंपरागत जल प्रबंधन की योजनाओं के साथ निचले स्तर तक काम करना होगा।

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