लेखक की कलम से

उपहार में किताबें दीजिए…

झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रेरक प्रस्ताव

कल झामुमो (JMM) प्रमुख हेमंत सोरेन ने ट्वीट में लिखा, ‘साथियों, मैं अभिभूत हूं आप झारखंड वासियों के प्यार एवं सम्मान से। पर मैं आप सबसे एक करबद्ध प्रार्थना करना चाहूंगा कि कृपया कर मुझे फूलों के ‘बुके’ की जगह ज्ञान से भरे‘बुक’ मतलब अपने पसंद की कोई भी किताब दें। मुझे बहुत बुरा लगता है कि मैं आपके फूलों को संभाल नहीं पाता। आप अपने द्वारा दिए गए किताबों में अपना नाम लिख कर दें ताकि जब हम आपकी किताबों को संभाल एक लाइब्रेरी बनवाएंगे और आपका प्रेम भरा यह उपहार हमेशा हम सभी का ज्ञानवर्धन करेगा।’

कम होते जाते पढ़ने लिखने के समय में यह एक सकारात्मक पहल है। एक मुख्यमंत्री से रोजाना ही कितने लोग मिलते हैं, वे सभी अगर पुस्तकें देने लगे तो सचमुच एक समृद्ध लाइब्रेरी बन सकती है। मुमकिन है कि इस वजह से कुछ पुस्तकों के साथ मैं भी कभी आपसे भेंट करने आऊं। आशा है आप झारखंड को उसकी संस्कृति के संरक्षण के साथ मूलभूत समस्त मुद्दों पर सही दिशा में ले जाएंगे। बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपको। रही बात फूलों की तो ‘अज्ञेय’ की कविता ‘साम्राज्ञी का नैवेद्यदान’ का संदेश सबसे उपयुक्त है जो भोली मुग्धा रूपी कली जहां खिली है, उसे डाली से विलग किये बगैर वहीं से अर्पण किया जाए। यह एक उच्च भाव है, चाहें तो हम इसे अपने जीवन में उतार सकते हैं।

©संकलन– संदीप चोपड़े, सहायक संचालक विधि प्रकोष्ठ, बिलासपुर,छग
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