लेखक की कलम से

चौदह वर्ष विरह वेदना …

चौदह वर्ष मांडवी को

भी तो था भरत के

बिना अकेले

बिताना

 

मांडवी की मनोदशा, दुख,

वेदना, तड़प, व्याकुलता,

पीड़ा, विरह की व्यथा

को कोई भी

न जाना

 

वनवास नहीं था राम सीता का

अकेले, वनवास तो था

लक्ष्मण उर्मिला का,

वनवास तो था

भरत मांडवी

का भी

 

सीता तो तब भी पति के साथ थी,

उर्मिला ने चौदह वर्ष चिर निद्रा

में बिताया, किसी ने दुख

वेदना सही तो वो

थी मांडवी

 

राम वन को गयें तो भरत भी महलों

में कहां रहें, वनवास की इस

चक्की में अगर कोई

पिसा तो वो थी

मांडवी

 

चौदह वर्ष विरह वेदना घुट घुट जीना

यादों को सीना कब राम आयेंगे

कब वनवास भरत का खतम

होगा बाट जोहती अपने

प्रियतम का मांडवी

 

©क्षमा द्विवेदी, राजप्रयाग               

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