लेखक की कलम से

बिहाव नई होही का …

 

अक्ति के लगिन ह आवत हावय,

मोरे जीवरा धुकधुकावत हावय।

गड़वा बाजा घलक बाजत नई हे,

बैलागाड़ी ल कोनों साजत नई हे ।।

बैरी कोरोना के मारे ऐसो जहुरिया,

 

बिहाव ह नई होही का …

 

पर्रा-बिजना कान्हचो बिकत नई हे,

चूड़ी -चाकी वाला दिखत नई हे।

आनी बानी के गहना अब कोन लेही,

पचहर दाइज ल अब कोन देहि।।

बैरी कोरोना के मारे ऐसो जहुरिया,

 

गवन नई होही का …

 

दीदी भांटो ह घर म आवत नई हे,

बिहाव के गोठ गोठियायवत नई हे।

लाडू के आर्डर कोनो देवत नई हे,

मौर, पागा कोनो लेवत नई हे।।

बैरी कोरोना के मारे ऐसो जहुरिया,

 

चुलमाटी नई होही का …

 

नेवता हिकारी कोनो देवत नई हे,

दूल्हा दुल्हन के शोर लेवत नई हे।

अपन दुःख पीरा ल काला बतावंव ,

तोरेच सुरता म आँसू ल बोहावंव ।।

बैरी कोरोना के मारे ऐसो जहुरिया,

 

हरदाही नई होही का …

 

वाट्सएप में मेहा कतेक गोठियायव,

लाकडाउन लगे हे जी मेहा कहां आंव।

संगी -सहेली मन देवत हे ताना,

अब कोने ह गाही भड़ौनी गाना।

बैरी कोरोना के मारे ऐसो जहुरिया,

 

पुतरा -पुतरी बिहाव नई होही का …

 

©श्रवण कुमार साहू, राजिम, गरियाबंद (छग)

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