मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में फसलों के नुकसान पर किसानों को अब मिलेगा ज्यादा मुआवजा : कैबिनेट बैठक में फसल क्षति का मुआवजा बढाने के लिए नियम संशोधन को मंजूर

70 सीएम राइज स्कूलों के लिये 2847 करोड़ 63 लाख रुपये स्वीकृत, इंदौर में देवी अहिल्याबाई स्मारक के लिए दी जाएगी जमीन

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट ने किसानों को राहत देने के लिए ओले, बारिश से फसल क्षति पर मुआवजा राशि बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसके बाद कृषि एवं उद्यानिकी फसलों की क्षति होने पर अब ज्यादा मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा बिजली विभाग में आउटसोर्स लाइनमैन को वेतन के अलावा हर महीने 1000 रुपए जोखिम भत्ता देने का निर्णय भी लिया। सरकार ने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के 1000 बिस्तर के अस्पताल में 972 नए पदों को भी मंजूरी दे दी है। वहीं, इंदौर में देवी अहिल्याबाई होलकर का स्मारक बनाने के लिए सरकार 1.215 हेक्टेयर जमीन देगी।

बैठक के बाद यह जानकारी गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग के अंतर्गत आरबीसी 6/4 में संशोधन किया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश अब देश में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा देने वाला राज्य बन गया है। बढ़ा मुआवजा 1 मार्च 2023 के बाद से खराब होने वाली फसलों के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा के प्रस्ताव और परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा अनुसार प्रदेश में 70 सर्वसुविधायुक्त स्कूलों के लिये अनुमानित लागत 2847 करोड़ 63 लाख रूपये से निर्माण किये जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में सीएम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 स्कूल विकसित किये जा रहे हैं।

0 से 2 हेक्टेयर तक के किसानों को फसल की क्षति पर यह मिलेगा मुआवजा

25% से 33% फसल के नुकसान पर : वर्षा आधारित फसल के लिए 5500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 9500 रु. प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 9500 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद नुकसान होने पर) 16,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मदद राशि दी जाएगी। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 19,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा।

33% से 50% फसल के नुकसान पर : वर्षा आधारित फसल के लिए 8500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 16,500 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 19,000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल को नुकसान होने पर) 21,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 27000 रु. प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) के लिए 6,500 रु. प्रति हेक्टेयर, मूंगा के लिए 8,000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

50% से अधिक फसल के नुकसान पर : वर्षा आधारित फसल के लिए 17,000 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 32,000 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 32,000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल नष्ट होने पर) 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) फसल के लिए 13,000 रुपए प्रति हेक्टेयर और मूंगा के लिए 16,000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि धारकों के धारण अधिकार के संबंध में अनुसमर्थन

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में दिए आदेश 31 फरवरी 2023 का अनुसमर्थन किया। जिसमें नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों के धारणाधिकार संबंधी मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज व्यक्तियों की पट्टा की पात्रता अवधि में वृद्धि कर 31 दिसम्बर, 2014 से बढ़ाकर 31 दिसम्बर, 2020 की गई। नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में ऐसे अधिभोगी जो 31 जुलाई 2023 तक सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन करते हैं तो उन पात्र अधिभोगियों को नियमानुसार प्रब्याजि एवं भू-भाटक लेकर उनके अधिभोग के भूखंडों के 30 वर्षीय स्थाई पट्टे जारी किये जायें।

6 उत्पाद के लिए 10 जिलों का चयन

कैबिनेट में कृषि संबंधी 6 उत्पाद अंतर्गत 10 जिलों में शामिल कोदो-कुटकी जिला अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली, तुअर दाल जिला-नरसिंहपुर, चना जिला-दमोह. बासमती चावल जिला रायसेन, चिन्नौर चावल जिला-बालाघाट एवं सरसों जिला भिण्ड एवं मुरैना को ‘एक जिला-एक उत्पाद’ के लिए प्रशिक्षण एवं मूल्य संवर्धन योजना लागू करने का निर्णय लिया। योजना का क्रियान्वयन संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया।

राजस्व न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण को स्वीकृति

कैबिनेट ने राजस्व न्यायालयों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना आरसीएमएस 4.0. का विकास किए जाने के लिए आगामी 5 वर्षों (2023-24 से 2027-28) के लिए तकनीकी एवं वित्तीय प्रस्ताव राशि 73 करो? 48 लाख 65 हजार का व्यय किये जाने तथा आरसीएमएस 4.0 का विकास किए जाने की अवधि में समानांतर रूप से आरसीएमएस परियोजना 3.0 को आगामी दो वर्षों (2023-24 एवं 2024-25) तक जारी रखने 9 करो? 78 लाख रूपये का व्यय किये जाने की स्वीकृति प्रदान की।

25 नवीन चलित एवं 20 नवीन स्थायी रसोई केन्द्रों की मंजूरी

कैबिनेट द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय योजना के द्वितीय चरण में स्थापित 100 रसोई केन्द्रों के अतिरिक्त 20 निकायों में 20 नवीन स्थाई रसोई केन्द्र खोलने का निर्णय किया। इसके अलावा ऐसे लोगों की मदद के लिये जो स्थाई रसोई केंद्रों पर नहीं पहुँच पाते हैं, उनके लिये 16 नगर निगम तथा पीथमपुर एवं मण्डीदीप नपा में कुल 25 नवीन चलित रसोई केन्द्र ( कुल 45 नवीन रसोई केन्द्र) खोले जाने का निर्णय किया है। ज्ञात हो, कोविड-19 महामारी के समय रसोई केन्द्रों की महत्ता भी प्रदर्शित हुई। इसलिये 26 फरवरी, 2021 को रसोई योजना के द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों तथा 6 धार्मिक नगर मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा एवं चित्रकूट में कुल 100 रसोई केंद्रों का संचालन आरंभ किया गया था। योजना में प्रत्येक जरूरतमंद को रुपये 10/- प्रति व्यक्ति की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। आज तक 1 करोड़ 62 लाख थालियों का वितरण किया जा चुका है।

कैबिनेट में ये फैसले भी हुए

  • मध्यप्रदेश में 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र बढ़ेंगे। कलेवर नया होगा। 100 रसोई पहले से चल रही हैं।
  • इंदौर के नंदानगर में कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय संकाय शुरू किए जाएंगे। यहां 47 नए पद स्वीकृत किए गए। इनमें 22 शैक्षणिक पद हैं।
  • सतना मेडिकल कॉलेज के पहले चरण के निर्माण के लिए 302 करोड़ की जगह 328.79 करोड़ रु. की स्वीकृति।
  • सीएम राइज स्कूल योजना के अंतर्गत 70 सर्व सुविधा संपन्न विद्यालय के लिए अनुमानित लागत 2843 करोड़ रु. की स्वीकृति दी गई।
  • पन्ना जिले की रुंझ मध्यम सिंचाई परियोजना को रिवाइज्ड स्वीकृति दी गई। इसकी लागत 513.72 करोड़ रुपए थी।
  • रुंझ की सिंचाई का क्षेत्र 14,450 हेक्टेयर है। इससे अजयगढ़ तहसील के 47 गांवों में 14,450 हेक्टेयर में सिंचाई होगी।
  • पन्ना जिले की मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना को भी रिवाइज्ड प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसकी लागत 693.64 लाख रु. है।
  • मझगांय की सिंचाई का रकबा 13060 हे. है। इससे पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के 38 गांव में 13060 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।
  • राजस्व न्यायालयों के कम्प्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट के लिए 2028 तक 7348.65 करोड़ रुपए खर्च करने की स्वीकृति दी गई।

बैठक में श्री अन्न (मोटे अनाज यानी मिलेट्स) से बने व्यंजन परोसे गए

गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को स्वल्पाहार में पूर्व में प्रचलित खाद्य सामग्री के स्थान पर श्री अन्न (मोटे अनाज या मिलेट्स) से बने व्यंजन परोसे गए। इनमें बिस्किट, सैंडविच, कटलेट, बाजरा, खिचड़ा, पापड़, खीर शामिल थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा इंटरनेशनल मिलेट ईयर घोषित किया गया है।

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