मध्य प्रदेश

विदिशा के भाजपा नेता ने पत्नी और 2 बेटो के साथ जहर खाकर की आत्महत्या

दोनों बेटों की लाइलाज बीमारी से परेशान और निराश होकर उठाया दिल दहला देने वाला कदम

विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां बीजेपी नेता संजीव मिश्रा ने पत्नी और अपने 2 बेटों के साथ जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक मार्मिक पोस्ट भी डाली थी। वे पिछले 5 साल से अपने दोनों बेटों की लाइलाज बताई जा रही बीमारी मस्क्युलर डिस्ट्रोफी (एमडी) से परेशान थे। जहर खाने के बाद चारों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां एक के बाद एक कर सभी ने दम तोड़ दिया। बीजेपी के मंडल अध्यक्ष और पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा का विदिशा में पीतल मिल के पास जनता भोजनालय के नाम से होटल है। पुलिस को मौके से एक सुसाइट नोट भी मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार की शाम करीब 6 बजे बीजेपी नेता संजीव मिश्रा अपने घर पर परिवार के साथ थे। खुदकुशी से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, उसमें लिखा- ईश्वर दुश्मन के बच्चों को भी ना दें यह बीमारी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डीएमडी। इस पोस्ट के बाद संजीव मिश्रा ने परिवार सहित जहर खा लिया। सोशल मीडिया पर पोस्ट देखने के बाद उनके परिचितों और रिश्तेदारों को पता चला। शाम करीब 6:45 बजे उनके एक परिचित घर पहुंचे तो बाहर से दरवाजा बंद था। काफी खटखटाने के बाद भी जब किसी ने दरबाजा नहीं खोला तो किसी अनहोनी की आशंका के चलते उन्होंने पुलिस काे सूचना दी। पुलिस तत्काल पहुंची और घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो चारों अचेत अवस्था में पड़े थे। चारों को तत्काल जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां दोनों बेटे अनमोल (13 वर्ष) और सार्थक (7 वर्ष) की मौत हो गई। इसके कुछ ही देर बाद संजीव मिश्रा (45 वर्ष) ने दम तोड़ दिया। फिर उनकी पत्नी नीलम मिश्रा (42 वर्ष) भी मौत से संघर्ष करते हुए हार गई। दिल दहला देने वाली यह खबर पूरे शहर में जंगल में आग की तरह फैल गई। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जिला अस्पताल में भीड़ लग गई। सूचना पर जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे।
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि संजीव मिश्रा के बच्चों को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की जेनेटिक बीमारी थी, जिसका कोई इलाज नहीं है। जैसा उन्होंने अपने सुसाइट नोट में लिखा है कि मैं बच्चों को नहीं बचा पा रहा हूं, मैं अब नहीं रहना चाहता। उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद करके सल्फास खा लिया। फेसबुक में डाली पोस्ट देखकर लोगों ने पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तुड़वाया, तब तक उनकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। सभी को तत्काल अस्पताल लाया गया, इलाज करवाया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि चारों में से किसी को भी बचाया नहीं जा सका।

क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान की शक्ति क्षीण हो जाती है। मसल्स कमजोर होने के साथ-साथ सिकुड़ने लग जाती हैं। बाद में मसल्स टूटने लगती हैं। यह एक तरह का आनुवंशिक रोग है, जिसमें रोगी में लगातार कमजोरी आती जाती है। उसकी मांस पेशियों का विकास रुक जाता है।

सुसाइट से पहले लिखी यह मार्मिक पोस्ट

संजीव मिश्रा ने सुसाइड से पहले फेसबुक पर बेहद मार्मिक पोस्ट की थी। जो पोस्ट की, उसमें लिखा था- ‘शिकवा नहीं किसी से किसी से गिला नहीं, भाग्य में नहीं था, हमको मिला नहीं।’ 1997 में रिलीज हुई गोविंदा की फिल्म ‘नसीब’ में कुमार सानू द्वारा गाया गया है। यह गीत उस समय तो काफी हिट रहा ही, आज भी काफी पापुलर है। इस घटना के बाद से ही संजीव मिश्रा की सोशल मीडिया पर की गई यह पोस्ट काफी वायरल हो रही है और लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं।

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