लेखक की कलम से

स्त्री विमर्श में उठती हर कलम को अब तोड़ना है …

अगर आप छोटी बच्ची हो तब रंगीन झरने सी चंचल रहो..

अगर आप लड़की हो तो तेज दिमाग रखो..

अगर आप स्त्री हो तब आत्मविश्वास से भरा एक अदा और छटा रखो..

और जब आप उम्रदराज़ महिला हो तब अपने वजूद में एक उत्कृष्ट अंदाज़ रखो..!

नारी जीवन का हर पड़ाव गरिमामय और खुमारी से भरपूर होना चाहिए, स्त्री विमर्श में उठती हर कलम को अब तोड़ना है, जब हम बोल रहे हैं कि हम 21 वीं सदी की नारी हैं तब हमारे हर अंदाज़, हर पहलू से परिवर्तन छलकना चाहिए। अबला, बेचारी, लाचार जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने वालों को मुंह तोड़ जवाब देना है, हर क्षेत्र में परचम लहराना है।

अपने आस-पास उपेक्षित और अनमनी हर लड़की, हर स्त्री को कह दो अपना हक छीनना होगा, आज भी समाज में सम्मान को तरसतीं कुछ स्त्रियां हैं। हर लेवल पर गरीब से लेकर उच्च मध्यम परिवार में और हाई सोसायटी तक कहीं ना कहीं लड़कियां और स्त्रियां किसी ना किसी के हाथों प्रताड़ित होती ही रहती है पर अब सीमा लांघ दो।

हर अदा फ़बती है तुम पर। कह दो ज़माने से मेरे कुछ अंदाज साफ़ परिणाम है तुम्हारी तीखी प्रतिक्रिया के, अगर आपको मेरा अंदाज़ पसंद नहीं तो आग लगा दो खुद की सोच को क्यूंकि मेरा अंदाज़ मेरे तेज़ दिमाग और ज्ञान की पहचान है।

लड़की और औरत की सुंदरता फ़ेशियल की मोहताज नहीं। पारदर्शी रूह और बुद्धिमत्ता उसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है, काबिल और सक्षम है आज की नारी अपने पैरों पर खड़ी होकर हर मोर्चे पर एक धुंआधार योद्धा साबित होने का दम रखती है, वो पल कलात्मक होते हैं जब एक कामयाब औरत बिना किसी दिखावे के अपनी कामयाबी पर इतराती आगे बढ़ रही होती है।

ऐ लड़की तुझे क्या कहूं तू वो पौधा है जिस आंगन बोई जाए, उस घर में पले, वनराई और हरियाली, तू सूरज है, सबको देना बंद कर, कोई तुम्हारी तरक्की की रोशनी को सहारा देने नहीं आएगा, तुझे अपना रास्ता खुद तराशना है अपनी ऊंचाई के मायने तय करो महान लक्ष्य पर ध्यान दो अपनी काबिलियत पर भरोसा रखो और आगे बढ़ो।

तराशे हुए हीरे की कमनीय धार सी और मोती की चमकती परत सी स्त्री बनों, हर मर्द की वो दुआ बन जाओ जब सिक्का उछालते समय वो आसमान की तरफ़ देखकर मांगता है।

अब वक्त आ गया है आंखों में बसे सपनों को उड़ान देने का, सिर्फ़ बोलने भर के लिए जो उपमा दी जाती है बेटियों को काली, चंडी, दुर्गा की अब वो उर्जा खुद के अंदर प्रकट करने का वक्त आ गया है। हर लड़की सुरक्षित रहे हर स्त्री को उसका हक मिले तभी समाज नारी सशक्तिकरण का पक्षधर कहलाएगा।

©भावना जे. ठाकर

Back to top button