लेखक की कलम से
बात मगर ये मत लिखना …
खाके तरस कभी साजन मुझपे, नाम मेरे एक ख़त लिखना,
प्यार नहीं है तुमको मुझसे, बात मगर ये मत लिखना,
आँखों को मेरी शबनम लिखना, ज़ुल्फ़ को काली घटा लिखना,
इश्क को अपनी इबादत लिखना, मुझको अपना ख़ुदा लिखना,
मुस्कानों को मोती लिखना, होठों को शरबत लिखना,
प्यार नहीं है तुमको मुझसे, बात मगर ये मत लिखना,
लिखना नींद नहीं आती है, अब भी तुमको रातों को,
लिखना भूल नहीं पाए हो, तुम भी बातों को,
जान से बढ़के आज भी मुझसे, तुमको चाहत लिखना,
प्यार नहीं है तुमको मुझसे, बात मगर ये मत लिखना,
लिखना जल्दी ही आओगे, इक दिन तुम मुझसे मिलने
लिखना मिलने को मजबूर किया है बहुत तेरे दिल ने,
झूठ सही ये बात मगर दिल रखने के बाबत लिखना,
प्यार नहीं है तुमको मुझसे, बात मगर ये मत लिखना,
©प्रीति सुमन, मुंबई