लखनऊ/उत्तरप्रदेश

पथरी के ऑपरेशन के बहाने डाक्टरों ने चुरा ली किडनी, अल्ट्रासाउंड होने पर हुआ खुलासा, हैरान कर देने वाला मामला…

लखनऊ. भाजपा शासन अंतर्गत उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने एक निजी नर्सिंग होम पर नाबालिग बेटे की किडनी निकालने का आरोप लगाया है. महिला का आरोप है कि पथरी के ऑपरेशन के बहाने किडनी चोरी हुई. मेडिकल कॉलेज में जांच होने पर मामला उजागर हुआ. फिलहाल सीएमओ जीएम शुक्ला का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं नर्सिंग होम के डॉक्टर ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. अस्पताल संचालक डॉक्टर एसी त्रिपाठी का दावा है कि ऑपरेशन के पहले ही मरीज के दाहिने तरफ की किडनी सिकुड़ी हुई थी. ऑपरेशन के बाद और सिकुड़ गई होगी.

दरअसल पूरा मामला लालगंज कोतवाली के चौखड़ देवापुर का है. यहां राजकुमार वर्मा की पत्नी संगीता ने कोतवाली पुलिस के साथ एसपी को शिकायती पत्र देकर बस स्टैंड स्थित एक निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उनके 18 वर्षीय बेटे सचिन वर्मा के पेट में अक्सर दर्द होता था. कई प्राइवेट अस्पतालों से इलाज कराया तो आराम हो गया. जिसके बाद सचिन अपने चाचा के साथ अहमदाबाद चला गया. अहमदाबाद में पेट में तेज दर्द होने पर जांच कराया तो पता चला कि दाहिने तरफ गुर्दे में 8.6 एमएम की पथरी है. जिसके बाद सचिन को गांव लाया गया.

संगीता ने बताया कि सचिन के गावं आने पर अपने रिश्तेदार आशा बहू प्रेमा देवी से बात की. जिसके बाद 17 अगस्त 2022 की सुबह 10 बजे प्रेमा देवी बस स्टैंड स्थित एक निजी नर्सिंग होम लेकर सचिन को लेकर गईं. संगीत ने आरोप लगाया कि यहां डॉक्टर एसी त्रिपाठी ने सचिन को सीधे ऑपरेशन रूम में लेकर चले गए. करीब 5 घंटे के बाद ओटी से मरीज को निकालकर वार्ड में लाया गया. ऑपरेशन के नाम पर 27 हजार रुपए भी लिए और 1500 रूपए की दवा देकर घर भेज दिए. उनका कहना है कि जबतक बेटा दवा खाता रहा तबतक उसे दर्द नहीं हुआ. लेकिन दवा बंद करने पर दोबारा दर्द होने लगा.

संगीता ने कहा कि दोबारा बेटे का पेट दर्द होने पर दो अलग-अलग सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराया. जिसकी रिपोर्ट में पता चला की किडनी ही नहीं है. जिसे हम लोग मानने को तैयार नहीं हुए. जिसके बाद 21 अगस्त को मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ में अल्ट्रासाउंड कराया. इसके अलावा 22 अगस्त को कुमुद अल्ट्रासाउंड में भी कराया. जहां रिपोर्ट में एक किडनी न होने की जानकारी लगी. जिसके बाद पूरा परिवार सख्ते में आ गया. जिसके बाद महिला बेटे के साथ आज, शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई.

आरोपों को लेकर नर्सिंग होम के संचालक डॉ. एसी त्रिपाठी ने किडनी गायब होने की बात को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सारे आरोप पूरी तरह से असत्य और निराधार हैं, उसकी पथरी का ऑपरेशन किया गया था, उसकी पहले भी गुजरात के अहमदाबाद में CT IVP जांच हुई थी. जिसमें साफ साफ रिपोर्ट है कि गुर्दा पेपर की तरह पतला हो गया था और ऑपरेशन के बाद कोलैप्स कर गया होगा. जिसके चलते अल्ट्रासाउंड में नजर नहीं आ रहा होगा. अपने दावे के समर्थन में उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद की सान्या डाइग्नोस्टिक की 7 अगस्त 22 की रिपोर्ट और सहयोग इमेजिन सेंटर की 10 अगस्त 22 जांच रिपोर्ट भी पेश की.

सीएमओ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल ने किडनी चोरी के आरोपों कहा कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि जिले में किडनी ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा नहीं है. मानव अंगों की तस्करी की बात पर उन्होंने कहा कि अभी तक मेरे पास इस घटना की कोई शिकायत नहीं आई है. शिकायत मिलने के बाद विभिन्न बिंदुओं पर जांच कराई जाएगी.

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