मध्य प्रदेश

इंदौर में दाे कारोबारियों के साथ निवेश के नाम पर एक अरब दस करोड़ का धोखा

भूमाफिया ने पहले दोनों व्यवसाइयों से निवेश करवाया, फिर 110 करोड़ की फर्जी बैलेंस शीट बनाकर कर रहे थे ब्लैकमेल, 3 पर दर्ज हुआ मुकदमा

भोपाल। इंदौर में व्यवसायी को झांसा देकर फर्म में निवेश कराने के नाम पर करोड़ों रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। फरियादी की शिकायत के बाद थाना तुकोगंज ने आरोपीगणों के विरुद्ध धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत अनुसार प्रार्थी मेसर्स कुसुम रियल इस्टेट (गागीदारी फर्म). तर्फे भागीदार – नीरज पंजवानी पिता श्रीचंद पंजवानी, पता एलजी-10, अपोलो स्क्वेयर, 7/ 2. डॉ. आरएस. भण्डारी मार्ग, इन्दौर द्वारा आरोपीगण संजय ठाकुर पिता अंतरसिंह ठाकुर निवासी 33 ग्राम गंगराराला, तहसील सावेर, जिला इंदौर, निरंजन पिता रामस्वरूप जाधव, निवासी 1 ग्राम भवराराला, सांवेर रोड, इंदौर एव अनूप पिता अतुल गुप्ता, निवासी 100 गावला खेडी, बघाना, जिला इंदौर द्वारा फरियादीगणों से एवं विभिन्न शासकीय विभागों से फर्जी व कूटरचित दस्तावेज बनाकर मिथ्या साक्ष्य स्वकर गहरी साजिश के तहत की गयी घोखाधडी, कूटरचना एवं छल करने की शिकायत प्रमाण सहित दर्ज कराई गई है। आरोपियों संजय ठाकुर, निरंजन जाधव व अनूप गुप्ता के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 406, 420 467, 468, 471 तथा 120 बी के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए। जिसके अनुसार नीरज पंजवानी व राजकुमार कुकरेजा की भागीदारी फर्म मेसर्स कुसुम रियल इस्टेट, पता – एलजी 10 अपोलो स्क्वेयर 7/2, डॉ आर एस मण्डारी मार्ग, इन्दौर में स्थित है, जिसमें नीरज पंजवानी एवं राजकुमार कुकरेजा द्वारा रू. 5,00,00,000/- कुसुम रियल इस्टेट में निवेश किये गये है। मूलत: उक्त कुसुम रियल इस्टेट आरोपीगण की फर्म थी, जो कि 19 अगस्त 2019 को बनी होकर अपंजीकृत थी तथा जिसे आरोपीगण ने रू. 5,00,000/- की प्रारम्भिक पूजी से शुरूआत की थी। इसमें आरोपी संजय ठाकुर 50 प्रतिशत, आरोपी निरंजन जाधव 25 प्रतिशत तथा आरोपी अनूप गुप्ता 25 प्रतिशत के भागीदार थे। इन आरोपीगणों ने उक्त फर्म में ग्राम रिंगोदिया में अलग अलग विकय पत्रों से जमीनें क्रय की तथा उक्त जमीनें लगभग 12 करोड़ की होकर उक्त फर्म में इन आरोपीगण का कुल पूंजी निवेश रू. 7,30,00,000/- का हो गया तथा फर्म पर कर्ज लगभग रु. 9,00,00,000/- का था।
उपरोक्त आरोपीगणों ने नीरज पंजवानी व राजकुमार कुकरेजा से फर्म में भागीदार बनने का निवेदन कर फरियादी से पूंजी निवेश करवाया तथा यह आश्वासन दिया कि उक्त फर्म में यदि उनकी लगाई पूजी के 70 प्रतिशत की राशि निवेश करते हैं तो फरियादी को 70 प्रतिशत अंश का भागीदार बना लिया जायेगा। जिसके बाद उक्त प्रस्ताव स्वीकार कर रुपए 5.50,00,000/- उक्त फर्म में 9 मई 2022 तक निवेश किये, जिसमें से नीरज पंजवानी और राजकुमार कुकरेजा ने क्रमश: रु. 250,00,000/- नीरज पंजवानी द्वारा तथा रू. 3,00,00,000/- राजकुमार कुकरेजा द्वारा निवेश किया गया। दिनांक 10 मई 2022 को पार्टनरशिप डीड इंस्टाम्प पर तैयार होकर एका आरोपीगण ने सहर्ष पार्टनरशिप डीड निष्पादन करवाकर दस्तखत कर उसे नोटरी से अभिप्रमाणित करवाया। फरियादीगण उक्त फर्म में 70 प्रतिशत के भागीदार हो गये तथा ये आरोपीगण प्रत्येक 10-10 प्रतिशत के भागीदार हो गये। ये सभी घटनाक्रम जिससे फर्म के स्वरूप में परिवर्तन आया था, उसे भागीदारी अधिनियम की मंशानुरूप समाचार पत्र में फर्म में हुए परिवर्तन की जाहिर सूचना के रूप में प्रकाशित करवाया गया।

झांसा देकर कराया निवेश

इसके बाद शातिर अपराधियों ने फरियादियों सेे भारी धनराशि निवेश करवाने के बाद कहा कि अब ये आरोपीगण फर्म से निवृत्त होना चाहते है और इनके प्रस्ताव पर 12 मई 2022 को फर्म की बैलेंसशीट तैयार हुई। फर्म पर रू. 19,10,80,892/- का ऋण था तथा फर्म के बैंक खाते में रू. 2,82,11,88,454 जमा थे, जो बाद में इन तीनों संजय ठाकुर निरंजन जाधव और अनूप गुप्ता ने फर्म के खातों से निकाल लिये थे। फर्म के भागीदार नीरज पंजवानी व राजकुमार कुकरेजा द्वारा इन आरोपीगण का प्रस्ताव स्वीकार कर दिनांक 19 मई 2022 को इनके रिटायर होने को स्वीकार कर इन सभी ने रिटायरमेंट डीड पर साईन कर उक्त दस्तावेज को नोटरी के यहां अभिप्रमाणित कर फिर समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित करवायी। तब से अर्थात 19 मई 2022 से नीरज पंजवानी व राजकुमार कुकरेजा कुसुम रियल इस्टेट के भागीदार हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इन तीनों आरोपीगणों को मिलने वाला 30 प्रतिशत अंश फरियादी राजकुमार कुकरेजा द्वारा स्वयं अथवा फर्म के माध्यम से देना था, इसलिए फरियादी राजकुमार कुकरेजा ने फर्म में पुन: माह जून 2022 में रू. 50,00,000/- निवेश किया जिसे इन आरोपीगणों द्वारा फर्म से प्राप्त किया गया।

दुर्भावना से कराई झूठी शिकायत

इसके कई महीनों बाद दुर्भावना के कारण अवैधानिक लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से इन आरोपीगण ने दिनांक 17 जनवरी 2023 को उक्त फर्म के भागीदार के रूप में एक झूठी शिकायत लेकर पुलिस थाना सांवेर जिला इन्दौर में शिकायत प्रस्तुत की कि उक्त आरोपीगण लालच और बेईमानी कर उन्हेंं ब्लैकमेल कर रहे है तथा इन तीनों ने भारी विलम्ब से एक काल्पनिक कहानी तैयार की । जिसमें बताया कि हमें इन्हें 110 करोड़ रु. देना है, जबकि फर्म की भूमियों का 110 करोड़ का मूल्य ही नहीं है। उक्त शिकायत को अभिप्रमाणित करने के लिए उक्त आरोपीगण ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर झूठी कहानी को सिद्ध करने का प्रयास किया और पुलिस को झूठी व जाली बैलेन्स शीट करीब रूपये 107 करोड की प्रस्तुत की, जबकि वर्ष 2021-22 की आयकर विभाग की बैलेश शीट अनुसार फर्म का निवेश एवं कर्ज 1967.01.341.24 है।

फर्म के वर्तमान भागीदार

नीरज पंजवानी व राजकुमार कुकरेजा इन आरोपीगण को वैधानिक रूप से देय दायित्व की समस्त राशि देने को सदेव तैयार रहे हैं, परंतु यह आरोपीगण अपराध जगत के कतिपय व्यक्तियों तथा राजनीतिज्ञों के माध्यम से प्राथी को ब्लैकमेल कर रहे हैं। आरोपीगण द्वारा वास्तविकता में धोखाधड़ी कर जिस फर्म से अब इन आरोपीगण का लेना देना ही नहीं है उक्त फर्म के एकाउण्ट का संचालन किया गया। इनके द्वारा फर्म से रिटायरमेंट लेने के बाद भी फर्म के खाते से वर्तमान भागीदारों के पूंजी निवेश की राशि का अनधिकृत तौर पर बिना कोई सूचना दिये स्वयं को फर्म का वर्तमान भागीदार बताकर दिनांक 13 फरवरी 2023 को नीरज पंजवानी व राजकुमार कुकरेजा के खातों में जमा करा दिये, जिसकी शिकायत भी वर्तमान भागीदारों ने संबंधित बैंक को कर दी है। इस पर बैंक द्वारा उक्त खाते के संचालन को ही पूर्व व नवीन भागीदारों के मध्य विवाद होना मानते हुए रोक लगा दी है। आरोपियों ने रिटायरमेंट लेने के बाद स्वयं को फर्म का एक्टिव भागीदार बताते हुए जालसाजी का अपराध कारित कर फर्म के खाते का संचालन किया है जो दण्डनीय है।

पुलिस को पेश की झूठी बैलेंस शीट

चूंकि अप्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर पूर्वनियोजित इरादे से स्वयं को सदोष लाभ प्राप्ति को और प्रार्थी व फर्म को सदोष हानि कारित करने के लिए दस्तावेजों की कूटरचना की गयी है तथा 110 करोड़ की धनराशि के सम्बंध में एक भी साक्ष्य मौजूद नहीं है। पुलिस विभाग में झूठी बैलेन्स शीट प्रदान की गई है, जबकि आयकर विभाग में इनके द्वारा मई 2022 में जो बैलेन्स शीट प्रदान की गई है वह इससे मेल नहीं खाती है। साथ ही इनके द्वारा रिटायरमेंट के बाद भी स्वयं को फर्म का भागीदार बताकर फर्म के खाते का संचालन भागीदार नाते किया। जो कि आपराधिक न्याय मशीनरी का दुरूपयोग, दस्तावेजों की कूटरचना, धोखाधडी, ब्लैकमेल, एक्सटॉर्शन का मुकदमा संजय ठाकुर पिता अंतरसिंह ठाकुर निवासी 33 ग्राम भंवरासला, तहसील सांवेर, सांवेर रोड, जिला इंदौर, निरंजन पिता रामस्वरूप जाधव निवासी 1 ग्राम भंवरासला. सांवेर रोड, इंदौर एवं अनूप पिता अतुल गुप्ता निवासी 100 मावला खेडी, बघाना, जिला इंदौर के विरूद्ध पंजीबद्ध किया जावे। प्राथी की शिकायत के आधार पर थाना तुकोगंज ने आरोपीगण संजय ठाकुर पिता अंतर सिंह ठाकुर, निरंजन पिता रामस्वरूप जाधव, अनूप गुप्ता पिता अतुल गुप्ता के विरुद्ध धारा 420, 467 व 468 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। आरोपियों ने पुलिस के समक्ष झूठी बैलेंस शीट प्रस्तुत की है, जबकि आयकर विभाग में प्रस्तुत बैलेंस शीट उससे भिन्न है।

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