मध्य प्रदेश

ब्राह्मण चमचागीरी करते हैं, मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता का वीडियो आया सामने …

भोपाल। भाजपा नेता (अब पूर्व नेता) और उमा भारती के करीबी प्रीतम लोधी के बाद अब मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष ब्राम्हणों पर टिप्पणी को लेकर विवाद से घिर गए हैं। उनका एक वीडियो सामने आने के बाद भाजपा नेता और ब्राम्हण समाज हमलावर हो गए हैं। वायरल हुए 9 सेकंड के इस वीडियो में केके मिश्रा ब्राह्मण समाज को गालियां देते नजर आ रहे हैं। मिश्रा ने कहा था- ब्राह्मण भी तो… (गाली दी) हैं, उसकी (भाजपा की) चमचागीरी करते हैं।

वीडियो सोमवार का बताया जा रहा है, जब आदिवासी छात्रों से दुर्व्यवहार करने पर मुख्यमंत्री ने झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को हटाते हुए सस्पेंड कर दिया था। वायरल वीडियो में झाबुआ एसपी को हटाने के मामले में जब किसी ने केके मिश्रा से पूछा कि क्या ब्राह्मणों के साथ झाबुआ में अन्याय हुआ है, तो इसी के जवाब में उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की। हालांकि, विवाद के बाद भी मिश्रा अपने बयान पर कायम हैं। इसके बाद भोपाल भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने और मिश्रा की शिकायत करने की बात कही है।

भाजपा के अलावा ब्राह्मण महासभा ने भी केके मिश्रा के बयान की निंदा की है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेन्द्र मिश्रा ने कहा- केके मिश्रा पूरे ब्राह्मण समाज को अपशब्द कह रहे हैं। उनका यह बयान निंदनीय है। वे भी ब्राह्मण के घर पैदा हुए हैं। पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि मैंने जब इस मामले में केके मिश्रा को फोन किया तो उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर मैं ऐसे ही बोलूंगा। आपको और समाज को जो करना है करिये। पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा- झाबुआ एसपी, कलेक्टर ने जो गलत किया, उस पर सीएम ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया। केके मिश्रा को ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महासभा गृह मंत्री से मिलकर मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेगी। दूसरी ओर, संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा- केके मिश्रा ने जो कहा वह असहनीय है। उन्हें कांग्रेस से निष्कासित किया जाना चाहिए।

केके मिश्रा ने तूल पकड़ते जा रहे इस विवाद पर प्रतिक्रिया अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जिन्होंने वह वीडियो चलाया है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। उन्होंने वीडियो चलाया और डिलीट कर दिया। वे इतने बुजदिल निकलेंगे, मुझे उम्मीद नहीं थी। एक साजिश के तहत वे यहां आए थे। उन्होंने सामान्य बातचीत को फेब्रिकेट करके कांग्रेस के खिलाफ वातावरण बनाने की कोशिश की है। यह इस बात का प्रतीक है कि वे भाजपा के दफ्तर से भेजे गए थे।

मिश्रा ने आगे कहा- मैंने जो कहा उस पर कायम हूं, कुकर्मी कोई भी होगा, किसी भी समाज का होगा, मैं उसका विरोध करूंगा। अपराधी…अपराधी होता है, अगर वह कुकर्मी हो तो किसी भी जाति का हो, मैं उसके खिलाफ था, हूं और आगे भी रहूंगा। ब्राह्मण संगठनों के विरोध और खुद पर निष्कासन की कार्रवाई की मांग पर मिश्रा बोले- कौन से संगठन की बात कर रहे हैं आप, जब आरएसएस ही रजिस्टर्ड नहीं है तो यह कौन से संगठन हैं। उन्होंने कहा कि जिसको मेरे पुतले जलाना हो वह जलाए, पैसे नहीं हों तो मैं दे दूंगा।

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