मध्य प्रदेश

सामाजिक समरसता का संदेश लेकर भाजपा ने निकाली चार भव्य यात्राएं

तोमर, विजयवर्गीय, लाल सिंह आर्य ने ध्वज दिखाकर किया रवाना

भोपाल। सागर के बड़तुमा में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले भव्य संत रविदास मंदिर निर्माण के लिए मंगलवार को प्रदेश के चार जगहों से भव्य समरसता यात्राएं निकाली गईं। केंद्रीय मंत्री एवं चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक नरेंद्रसिंह तोमर ने श्योपुर में, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने धार जिले के मांडव से, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने नीमच के नयागांव से और भूपेन्द्र सिंह ने बालाघाट से ध्वज दिखाकर समरसता यात्रा को रवाना किया।

जनअभियान परिषद के संयोजन में 18 दिनों तक चलने वाली यह यात्राएं सामाजिक समरसता का संदेश लेकर प्रदेश के 46 जिलों में पहुंचेंगी। इस दौरान प्रदेश के 244 स्थानों में जनसंवाद के कार्यक्रम होंगे, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ व राष्ट्रीय नेता, प्रादेशिक नेता एवं संत समाज संबोधित करेंगे। मंदिर निर्माण में प्रदेश के हर व्यक्ति की आस्था जुड़े, इसके लिए हर घर से एक मु_ी मिट्टी और जल एकत्रित किया जाएगा। सभी यात्राएं 11 अगस्त तक सागर पहुंचेंगी और 12 अगस्त को सागर में सभी यात्राओं का सामूहिक एकत्रीकरण होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत रविदास के भव्य मंदिर का शिलान्यास करेंगे।

सामाजिक समरसता का केंद्र बनेगा मंदिर

केन्द्रीय मंत्री एवं प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेन्द्र सिंह तोमर ने श्योपुर से समरसता यात्रा को ध्वज दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के पांच स्थानों से आज संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्राएं निकल रही हैं, यह सभी यात्राएं 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी। यात्रा के माध्यम से श्योपुर की धरती की माटी और सीप नदी का पवित्र जल कलश में भरकर ले जाया जा रहा है, जो सागर में 100 करोड की लागत में बनने वाले संत रविदास के मंदिर निर्माण में उपयोग होगा। उन्होंने कहा कि जब कोई मंदिर बनता है तो मंदिर किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि पूरे समाज के लोगों का होता है। मंदिर का संदेश समाज के सभी लोगों के लिए होता है। संत रविदास के मंदिर से पूरे राज्य की लोगों की आस्था जुड़े, इसके लिए पांच समरसता यात्राओं का आयोजन किया गया है। संत शिरोमणी का यह भव्य मंदिर सामाजिक समरसता का प्रमुख केन्द्र बनेगा।

आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाकर रविदास के मंत्र को किया साकार

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को मांडव के रैदास कुंड से जल कलश भरकर व हरी झंडी दिखाकर संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा का शुभारंभ किया। जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महापुरुषों को अलग अलग समाजों में बांट दिया गया, लेकिन महापुरुष मानवता और मनुष्यता के लिए जन्म लेते है। वे किसी समाज विशेष न होकर सारे समाज के होते है। संत रविदास ऐसे ही संत थे, जिन्होंने संपूर्ण मानव समाज के लिए जन्म लिया। देश में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाने का काम भाजपा ने किया है। संत रविदास भी यही कहते थे कि समाज के अंतिम व्यक्ति का उद्धार हो, उसका विकास हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्णय लिया कि देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी वर्ग की बहन बैठे। संत रविदास जात पात को रोग मानते थे, इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास संत रविदास का मंत्र है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी विकास के माध्यम से हर वर्ग, हर जन तक पहुंचा रहे है।

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