मध्य प्रदेश

नगरों का सुनियोजित विकास सरकार का लक्ष्य : नगरीय विकास मंत्री

विभाग की योजनाओं पर बजट चर्चा में विशेषज्ञों ने दिये सुझाव

भोपाल। नगरों का सुनियोजित विकास करना राज्य सरकार का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरी बजट के संबंध में चर्चा के लिए विषय-विशेषज्ञों को बुलाया गया है। इससे बजट और साथ ही पॉलिसी के संबंध में जरूरी सुझाव मिल सकेंगे। सुझाव लिख कर भी दे सकते हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यह बात संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में बजट पर चर्चा में कही।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विकासपरक नीति का ही नतीजा है कि आज मध्यप्रदेश स्वच्छता में और पीएम स्वनिधि योजना में देश में नम्बर एक है। अन्य योजनाओं में भी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं। श्री सिंह ने कहा कि शहरों के विकास से ही प्रदेश का विकास परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि एक दिन की कार्यशाला विभाग की नीतियों के संबंध में चर्चा के लिए भी बुलायी जायेगी। नगरपालिक निगम भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि समय पर मिलनी चाहिए। विभिन्न विभागों में लंबित कर प्रभार की राशि भी समय पर मिले।

नगरीय निकाय स्वायत्त बनें

प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने कहा कि बजट को जनोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से यह बैठक आयोजित की गयी है। उन्होंने कहा कि विभाग की अवधारणा है कि निकाय स्वायत्त हों। बजट में किन कार्यों को प्राथमिकता देना है, यह भी निर्धारित होना चाहिए।

वर्ष 2023-24 में 19 हजार 867 करोड़ का बजट प्रस्तावित

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में 19 हजार 867 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। गत वित्तीय वर्ष में 14 हजार 884 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान था। नगरीय निकाय जौरा के अध्यक्ष ने कहा कि अधो-संरचना विकास के लिए राशि ज्यादा मिले। नगरीय निकाय बंडा के अध्यक्ष ने कहा कि नगरपालिका और नगर परिषदों में भी स्मार्ट सिटी बननी चाहिए। नगरीय निकाय पाटन के अध्यक्ष ने कहा कि वे शहर को कचरा रहित बना चुके हैं, अब धूल रहित बनायेंगे। उन्होंने कहा कि नगरों की नाले-नालियाँ ऊपर से बंद होनी चाहिए। आयुक्त गृह निर्माण मंडल चन्दमौली शुक्ला ने कहा कि एफएआर बढ़ाना जरूरी है। क्रेडाई के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने कहा कि रियल इस्टेट को प्रोत्सहित करने की जरूरत है। नियमों को सरल किया जाये। सतीश कुमार राव ने कहा कि कांट्रेक्टर को भुगतान का आधार परफार्मेंस होना चाहिए। कंसलटेंट की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। पूरे शहर की प्लानिंग एक साथ हो। इस दौरान आयुक्त टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग मुकेश गुप्ता, अन्य अधिकारी एवं विषय-विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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