किसानों के नाम पर राजनीति कर रही है भाजपा, कांग्रेस का आरोप
कांग्रेसियों ने पूछे कई अहम सवाल
रायपुर {दीपक दुबे} । राजीव भवन में शुक्रवार को दो अलग-अलग मामले में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस सरकार के कामकाज को लेकर जहां जीत का दावा किया है, वहीं बीजेपी पर किसानों के नाम पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन और प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉंफ्रेंस में बीजेपी से कई सवाल भी पूछे हैं।
प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी दोहरा चरित्र अपनाते हुए किसानों को लेकर राजनीति कर रही है. एक ओर प्रदेश में 2500 रुपए में धान ख़रीदी को लेकर प्रदर्शन कर रही है, तो दूसरी ओर केंद्र में बीजेपी ने धान ख़रीदी से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में बी-फ़ॉर्म व्यवस्था कांग्रेस ने की है, जो लोग इधर-इधर या राज़ीव भवन में भटकते हैं, उनसे अपील करते हुए कहा कि सभी ज़िलों में ब्लॉक स्तर कमेटी बनायी गई है. कमेटी के सामने अपनी दावेदारी पेश करेंगे। त्रिवेदी ने कहा कि प्रत्याशी चयन कमेटी बनाने का आदेश जारी कर दिया गया है। विधानसभा की रणनीति नगरीय निकाय चुनाव के लागू रहेगा. लोकप्रिय जिताऊ प्रत्याशी ही प्रत्याशी चयन का मापदंड होगा।
कांग्रेस ने पूछे भाजपा से पांच सवाल…
2013 के विधानसभा चुनावों के पूर्व जारी संकल्प पत्र में किसानों का धान 2100 रू प्रतिक्विंटल और 300 रू. प्रति विक्टल की दर से पूरे पांच वर्षों तक बोनस दिए जाने का वादा किया गया था अथवा नहीं?
केन्द्र सरकार से उक्त घोषणा के पूर्व अनुमति ली गई थी अथवा नहीं?
3 जून 2014 में केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा धान बोनस पर प्रतिबंध लगाने के बाद रमन सरकार ने कृषि वर्ष 2014-2015, 2015-2016 एवं 2016-2017 में किसानों को बोनस क्यों नहीं दिया?
मोदी सरकार ने 2017 में धान बोनस पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस लेने एवं राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बोनस पर पुनः प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
राज्य के भाजपा नेताओं को धान बोनस पर प्रतिबंध हटाने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने में क्यों संकोच हो रहा है?