छत्तीसगढ़रायपुर

नरवा विकास, भुमका नाला के उपचार से छत्तीसगढ़ के वनांचल के जल स्तर में आया सुधार…

रायपुर।    दहिकोंगा परिक्षेत्र में दहिकोंगा उप परिक्षेत्र के जोबा घोडागाँव बड़े कनेरा के अधिकतर भाग मारी क्षेत्र में आते हैं, जहाँ ग्रीष्म ऋतु के दौरान वहां के ग्रामीणों को अपने दैनिक जीवन में पानी की दिक्कत का बहुत सामना करना पड़ता है। स्टाप डेम के निर्माण से अब जोबा गांव के ग्रामीणों के लिए पानी तथा निस्तारी आदि की समस्या का समाधान हो गया है। भुमका नाला में उपचार कार्यों से भू-जल स्तर में भी सुधार हुआ है, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण वहां के नालों और कुआं में बढ़े जल स्तर से देखा जा सकता है।

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘नरवा विकास कार्यक्रम‘‘ के तहत दक्षिण कोंडागांव वनमंडल के दहिकोंगा परिक्षेत्र के अंतर्गत भुमका नाला के उपचार से वनांचल के भू-जल स्तर में काफी सुधार आया है। वहां दहीकोंगा उप परिक्षेत्र में कैम्पा मद की वार्षिक कार्य-योजना 2021-22 में वन क्षेत्र में स्थित भूमका नाला का चयनित करके नरवा उपचार का कार्य किया जा रहा है।

ग्राम जोबा और वन प्रबंधन समिति द्वारा भुमका नाला के पुनर्जीवन के लिए किए गए योजनाबद्ध कार्यों का प्रत्यक्ष लाभ अब देखने को मिल रहा है। नरवा विकास योजना के अन्तर्गत भुमका नाला में 12 हजार 23 संरचनों का निर्माण 1 करोड़ 44 लाख 78 हजार रूपए की लागत से कराया जा रहा है, जिससे नाले के भू-जल संवर्धन के साथ साथ नालों में निर्मित संरचनाओं में उपलब्ध पानी का सिंचाई के रूप में उपयोग किया जा रहा है।

योजना का लाभ – इसी कड़ी में भुमका नाला में स्टॉप डैम – 01 (19 मीटर लम्बाई 1.74 मीटर उचाई) का 16 लाख रूपए की लागत से निर्मित किया गया है। वर्तमान स्तिथि में स्टॉप डेम-01 के जल भराव क्षेत्र औसतन 1.74 मीटर उचाई में 475 मीटर लम्बाई क्षेत्र में 15000 क्यूबीक मीटर पानी का संग्रहण है। जिसका लाभ उठाते हुए किसान सुबरु राम और घसिया राम स्टॉप डेम के समीप 3.5 हेक्टेयर में खेती कर रहे हे। पहले बारिश के समय ही मक्का की खेती करता था अब स्टॉप डेम के निर्माण के बाद खरीफ फसल के बाद रबी फसल और साथ साथ सब्जी के फसल ले रहे है।

    वे सब्जी के खेती से अतिरिक्त आर्थिक उपार्जन का काम कर रहे हैं और किसान, सुबरु राम और सिया राम अपने क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन रहे है। इसके अलावा सुबरु राम अपने खेत में दो बड़े तालाब का भी निर्माण करवाया है, जिसमें उन्होंने 35 किलोग्राम मछली बीज डाल मछली पालन कर रहा है। तालाब में पानी की मात्रा कम होने पर स्टाप डेम से पानी लेकर उसकी पूर्ति कर रहा है।

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