रायपुर

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल डिस्पेंसरी चलाने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग

रायपुर {प्रमोद शर्मा} । स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल डिस्पेंसरी चलाने की तैयारी में है। जिला स्तर पर टीम गठित की जाएगी फिर निर्धारित रूट के मुताबिक डिस्पेंसरी गांवों में पहुंचेगी। जरुरतमंदों को सामान्य दवाइयां देने पर भी विचार किया जा रहा है। जरुरत पड़ने पर कोरोना की टेस्टिंग भी होगी।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और अधिक खराब है। बस, टैक्सी, ऑटो के नहीं चलने से इलाज के लिए गांव के लोग शहर नहीं आ पा रहे हैं। अत्यावश्यक हुआ तो 108 या 112 का उपयोग लोग कर रहे हैं। मगर सामान्य सर्दी, बुखार का इलाज कैसे हो यह गांवों में बड़ी समस्या है। प्रदेश भर से मिल रही सूचनाओं के आधार पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मोबाइल डिस्पेंसरी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चलाने के बारे में प्रारंभिक तैयारी शुरू की है। प्रदेश और जिला स्तर में अधिकारियों से पूछा जा रहा है कि इसे किस तरह से चलाया जाए जिससे सामान्य लोगों को लाभ मिल सके।

अधिकारियों और अन्य श्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक मोबाइल डिस्पेंसरी को मिनी बस या छोटी गाड़ियों के माध्यम से जहां जैसी सुविधा हो गांवों तक ले जाया जाएगा। जिला स्तर पर स्वास्थ्य दल का गठन किया जाएगा जिसमें मेडिकल ऑफिसर, डेंटल सर्जन, आयुर्वेद के डाक्टर, स्टाफ नर्स, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, एनजीओ या अन्य संस्था के लोगों को सदस्य बनाया जाएगा। गांवों में जिनको स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ होगी उनकी जांच विशेषज्ञ करेंगे। जरूरत के मुताबिक सामान्य दवाइयां वहीं दी जाएगी। कोरोना के लक्षण यदि किसी में पाया गया तो उसकी भी जांच की सुविधा टीम के पास होगी।

सभी जिलों में दल के लोग एक निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक गांवों में पहुंचेंगे। संबंधित गांव के लोगों को एक या दो दिन पूर्व मेडिकल टीम के पहुंचने की सूचना दी जाएगी। इलाज या परीक्षण के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक जिला और ब्लॉक स्तर पर पहले रूट प्लान तैयार किया जाएगा। गांव में जिन्हें वास्तव में इलाज की जरुरत है उनका ही इलाज होगा। अभी इस बात पर विचार किया जा रहा है कि मोबाइल डिस्पेंसरी में सिर्फ एलोपैथिक चिकित्सक रहेंगे या आयुर्वेद के भी।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव स्वास्थ्य के मामले में काफी सजग हैं। कोरोना को लोग जब जानते नहीं थे, नाम नहीं सुने थे, तब उन्होंने जनवरी माह में कोरोना से निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना नियंत्रण में है। आगे की उनकी योजना भी निर्धारित है। मोबाइल डिस्पेंसरी भी बहुत कारगर होगा, जब लोगों को सामान्य बीमारी का इलाज घर बैठे किया जाएगा।

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