छत्तीसगढ़

मीडिया संबोधन के पहले पायलट ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का पम्पलेट का विमोचन भी किया, कहा- केंद्र की नाकामियों को करेंगे उजागर

रायपुर
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने रायपुर के राजीव भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। मीडिया संबोधन के पहले पायलट ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का पम्पलेट का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर सचिन पायलट ने कहा, राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ेगा। किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि राम मंदिर हमारा है। भाजपा को भी यह नहीं सोचना चाहिए, जिन राज्यो में विपक्षी चुनाव हुए है, वहां मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस चुनाव लड़ती है। अब इंडिया अलाइंस सीट को लेकर फैसला करेगी। हम छत्तीसगढ़ में इतिहास बदलने आये हैं। भाजपा सरकार के 10 साल हो गए है। जनता के सामने उनकी असलियत आ चुकी है।

सचिन पायलट ने कहा, 14 तारीख से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने जा रही है। यात्रा शुरू करने की अनुमति मणिपुर सरकार ने आंशिक रूप से दी है। यात्रा का उद्देश्य वंचित वर्ग को न्याय दिलाना है। यात्रा में गरीबो , वंचितों की बात सुनी जाएगी। 20 मार्च को यात्रा का समापन मुंबई में होगा। छत्तीसगढ़ में भारत जोड़ो न्याय यात्रा 5 दिन की होगी। यात्रा का माडल पिछली यात्रा से अलग रहेगा।

केंद्र कर रही है केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग
उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य यही है कि 10 सालों में केंद्र सरकार ने जो हालात पैदा किए है। उन सब असलियतों को उजागर करना है।हम सब जानते है दबाव की राजनीति हो रही है। केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग करके 10 सालों में लोकतंत्र को खोखला किया गया है। लोकसभा के लिए इंडिया अलाइंस मजबूत है। जल्द ही सीट शेयरिंग होगी। प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते हमारा दायित्व है कि हम लोगों की आवाज को उठाएं।

हमने आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सभी विभागों की बैठक लेके सभी प्रकार की बातचीत की है। हार की समीक्षा की गई है। हम भले ही विसधानसभा चुनाव हार गए है, लेकिन लोकसभा में हम जीतेंगे। लोकसभा चुनाव अलग होता है। इसमें राष्ट्र में मुद्दे होते है।चुनौती यही है कि एमपी राजस्थान छत्तीसगढ़ में चुनाव हारने से कार्यकर्ता हतोत्साहित।उनको रिचार्ज करेंगे। हम जीतेंगे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार पर पायलट ने कहा कि हार किसी एक व्यक्ति की नहीं होती। संगठन चुनाव लड़ता है। अगर हार हुई है तो यह संगठन की जिम्मेदारी है।

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