मध्य प्रदेश

अमित शाह ने तय किया भाजपा का एमपी का चुनावी एजेंडा

शाह ने इसी साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव के लिए दिया सफलता का मंत्र

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को भोपाल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने यहां भाजपा दफ्तर में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया। बैठक में भाजपा के चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने भोपाल में भाजपा नेताओं के साथ अहम बैठक ली।

मंगलवार देर शाम तक चली इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी विधानसभा सीटों की रिपोर्ट मांगी। ये भी पूछा कि कहां बीजेपी बेहतर है और कहां कमजोर? ये जानकारी कारणों के साथ देने का कहा गया है। इस रिपोर्ट की जिम्मेदारी बीजेपी के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव को सौंपी गई है। शाह ने यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव को एक प्रारूप भी दिया है। इस प्रारूप के आधार पर हर विधानसभा क्षेत्र की जानकारी इकट्ठा की जाएगी। शाह ने बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक अब तक की चुनावी तैयारी को लेकर समीक्षा की। बैठक में बाहरी राज्यों से आए विस्तारकों की रिपोर्ट पर भी मंथन हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में 15 नेता मौजूद रहे, जिसमें एमपी के विधानसभा चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, शिव प्रकाश, मुरलीधर राव, अजय जामवाल, हितानंद शर्मा, फग्गन सिंह कुलस्ते, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं।

केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव को चुनाव की जिम्मेदारी सौंपने के बाद यह पहली बैठक थी। शाह के नेतृत्व में बैठक में तय हुआ है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी किन मुद्दों और किस अंदाज में जनता के बीच जाएगी। शाह कई तरह के फीडबैक पहले ही हासिल कर चुके हैं। उन्होंने प्रदेश के नेताओं से भी स्थानीय मसलों पर बातचीत की है। ज्ञात हो कि वर्ष 2023 में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उनमें से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की मुख्य जिम्मेदारी पार्टी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गई है, जबकि राजस्थान की बागडोर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संभालेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले शाम 7:15 बजे भोपाल पहुंचने वाले थे, लेकिन मौसम की खराबी के चलते वे एक घंटे लेट पहुंचे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्टेट हैंगर पर उनकी अगवानी की। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने शाह का स्वागत किया। इसके बाद गृह मंत्री शाह बीजेपी कार्यालय पहुंचे, जहां वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद शाह रात करीब 11.15 बजे दिल्ली रवाना हो गए।

कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों पर खास नजर

बीजेपी के एक नेता के मुताबिक, चूंकि शाह की अगुवाई में यह पहली चुनावी बैठक हुई है इसलिए फिलहाल फीडबैक पर ही चर्चा की गई। बीजेपी ये भी देख रही है कि कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों खासकर मौजूदा विधायकों से कहां-कहां नाराजगी है? जुलाई के दूसरे सप्ताह तक इन सारी रिपोर्ट्स पर प्रदेश के नेता काम करेंगे और जब शाह दोबारा आएंगे तो इनकी समीक्षा होगी। बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष की फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर आगे की चुनावी रणनीति बनाई जाएगी।

आदिवासियों पर फोकस कर खास कैंपेन चलाया जाएगा

शाह ने कहा कि चुनाव में आदिवासियों पर फोकस होना चाहिए। एमपी में हाल ही में आदिवासियों के साथ हुई घटनाओं को लेकर शाह ने सतर्क रहने के निर्देश भी दिए। सूत्रों का कहना है कि शाह ने सीधी पेशाब कांड से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में हो रही घटनाओं के बारे में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से जानकारी ली। शाह ने कहा कि चुनाव में आदिवासियों के लिए खास कैंपेन चलाया जाए। ज्ञात हो कि आदिवासी बहुल इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 84 में से 34 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। जिन सीटों पर आदिवासी मतदाता जीत और हार तय करते हैं, वहां सिर्फ बीजेपी को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। अब सरकार आदिवासी जनाधार को वापस बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश में जुटी है।

विजय संकल्प यात्रा के तहत रैलियां, जनसभाएं और रोड शो होंगे

केंद्रीय गृह मंत्री ने कोर ग्रुप के सदस्यों से पूछा कि वोट प्रतिशत कैसे बढ़ाओगे? इस पर बताया गया कि विजय संकल्प यात्रा निकालने पर विचार किया जा रहा है। इस पर शाह ने सहमति देते हुए इस यात्रा को सैद्धांतिक सहमति दी। यह यात्रा अलग-अलग जिलों से निकाली जाएगी। इस दौरान रैलियां, जनसभाएं और रोड शो होंगे।

बूथ से राज्य तक की तैयारियों पर की बात

शाह ने बूथ स्तर से राज्य स्तर पर अब तक की गई चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी की। मंगलवार रात को भोपाल में हुई पहली बैठक में प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों की चुनावी तैयारियों पर चर्चा की गई। शाह ने खासतौर से कांग्रेस व अन्य दलों वाली 103 विधानसभा सीटों पर अब तक की गई तैयारियों का ब्योरा मांगा। इन सीटों पर कांग्रेस की कमजोरियों और बूथ स्तर पर तैयारियों की जानकारी को विधानसभावार तैयार करने के लिए कहा है। वोट प्रतिशत 51 करने के अब तक किए गए गए प्रयासों पर भी उन्होंने बातचीत की।

दिनभर कयासों का दौर

शाह के दौरे को लेकर दिनभर इंटरनेट मीडिया में कयासों का दौर चलता रहा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राजभवन गए तो भी कई तरह की अफवाहें उड़ गईं, पर वास्तविकता कुछ और थी। दरअसल, सिंधिया राज्यपाल मंगुभाई पटेल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के ग्वालियर आगमन पर अपने जयविलाश पैलेस में भोज का आमंत्रण देने गए थे।

विजय संकल्प अभियान चलाया जाएगा, तारीखों का ऐलान जल्द

बैठक समाप्त होने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया, ‘प्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति का गहराई के साथ सूक्ष्म विश्लेषण शाह के नेतृत्व में किया गया। मध्यप्रदेश चुनाव में विजय की रणनीति पर मंथन हुआ है। बीजेपी संगठन की सुदृढ़ता के साथ जिन कार्यक्रमों की हमने तैयारी की है, उनकी समीक्षा करने के बाद शाह ने ऐलान किया है कि मध्यप्रदेश में विजय संकल्प अभियान की शुरुआत की जाएगी।’ शर्मा ने कहा कि विजय संकल्प अभियान की तारीखों का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा। बैठक में शाह ने मध्यप्रदेश की क्षेत्रवार राजनीतिक स्थितियों की जानकारी ली। उन्होंने सियासी बयानबाजी और हालिया घटनाक्रमों को लेकर भी चर्चा की। किस तरह के राजनीतिक फैक्टर किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, इन सब पर भी बारीकी से बात की।

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